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एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व जर्मनी के संघीय आर्थिक सहयोग और विकास मंत्रालय (BMZ) के संसदीय राज्य सचिव जोहान सथॉफ (Johann Saathoff) ने किया, ने 1 नवम्बर 2025 को ICAR - भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली का दौरा किया।
इस दौरे का उद्देश्य एग्री-पीवी (AgriPV) नवाचारों की संभावनाओं को समझना और भारत-जर्मनी सहयोग को सतत कृषि के क्षेत्र में मजबूत करना था।
ICAR-IARI के निदेशक डॉ. च. श्रीनिवास राव ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और संस्थान की शोध उपलब्धियों तथा सौर ऊर्जा और कृषि के एकीकरण (solar-agriculture integration) से जुड़े प्रयासों की जानकारी दी।
1. 100 किलोवॉट एग्री-पीवी पायलट प्रोजेक्ट — ICAR-IARI में स्थापित यह परियोजना GIZ इंडिया के सहयोग से संचालित है।
2. एग्री-पीवी उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence on AgriPV) — यह केंद्र ICAR-IARI और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी (NISE) के संयुक्त सहयोग से MNRE (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय) द्वारा स्वीकृत है।
3. दौरे ने भारत-जर्मनी साझेदारी को मजबूत करने पर बल दिया, विशेष रूप से सतत कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और जलवायु-सहिष्णु खेती प्रणालियों में।
4. जोहान सथॉफ ने वैज्ञानिकों और छात्रों से बातचीत की, जिसमें फसलों के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन को जोड़ने, भूमि उपयोग दक्षता बढ़ाने, और किसानों की आय सुधारने पर चर्चा हुई।
5. प्रतिनिधिमंडल को एग्री-पीवी परियोजना के कार्यान्वयन, अनुसंधान निष्कर्षों और देश के विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में इसके विस्तार की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी गई।
1.डॉ. डी.के. यादव, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), ICAR
2.डॉ. मोहम्मद रेहान, महानिदेशक, NISE
3.डॉ. आर.एन. पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), IARI
4.डॉ. डी.के. सिंह, पूर्व प्रमुख अन्वेषक, CoE AgriPV
5.डॉ. पी.एस. ब्रह्मानंद, परियोजना निदेशक, जल प्रौद्योगिकी केंद्र
यह दौरा एग्री-पीवी तकनीक को भारतीय कृषि प्रणाली में एकीकृत करने, सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने, और किसानों की आय व पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है
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