सर्दियों में दुधारू पशुओं को ठंड से कैसे बचाएं? ये देसी उपाय अपनाएं, दूध उत्पादन भी बढ़ेगा

सर्दियों में दुधारू पशुओं को ठंड से कैसे बचाएं? ये देसी उपाय अपनाएं, दूध उत्पादन भी बढ़ेगा
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Kisaan Helpline

Agriculture Dec 20, 2025

सर्दी का मौसम आते ही पशुपालकों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। जिस तरह इंसानों को ठंड से बचाव की जरूरत होती है, उसी तरह दुधारू पशु भी सर्द हवाओं और नमी से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। यदि समय रहते सही प्रबंध किए जाएं तो पशु बीमार पड़ सकते हैं और दूध उत्पादन पर भी सीधा असर पड़ता है। लेकिन थोड़ी सी समझदारी और देसी उपाय अपनाकर पशुओं को पूरी सर्दी सुरक्षित रखा जा सकता है।

 

पशुशाला को रखें गर्म और सूखा

 

सर्दियों में सबसे जरूरी है पशुओं के रहने की जगह। पशुशाला में ठंडी हवा का सीधा प्रवेश नहीं होना चाहिए। दरवाजे और खिड़कियों से आने वाली हवा को रोकने के लिए फूस, टाट, बोरी या प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

पशुओं के बैठने और सोने की जगह पर सूखा भूसा, धान का पुआल या पराली जरूर बिछाएं। इससे जमीन की ठंड सीधे शरीर तक नहीं पहुंचेगी। ध्यान रखें कि फर्श गीली हो, क्योंकि नमी से जोड़ दर्द, बुखार और सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ जाती है।

 

सर्दी में आहार पर दें विशेष ध्यान

 

ठंड के मौसम में पशुओं को शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है। इसलिए उनके भोजन में थोड़ा बदलाव जरूरी है।

दाना, खली और चोकर की मात्रा सामान्य से कुछ अधिक रखें। सरसों की खली और गुड़ देने से शरीर में गर्मी बनी रहती है। हरा चारा भी जरूर खिलाएं ताकि पाचन ठीक रहे और दूध की गुणवत्ता बेहतर बनी रहे।

 

गुनगुना पानी है बेहद जरूरी

 

अक्सर पशुपालक सर्दियों में ठंडा पानी ही पिला देते हैं, जो पशुओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ठंडा पानी पीने से खांसी, निमोनिया और बुखार जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

बेहतर यही है कि दिन में कम से कम दो बार हल्का गुनगुना पानी पिलाया जाए। इससे पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

 

धूप है प्राकृतिक दवा

 

सर्दियों की धूप पशुओं के लिए किसी औषधि से कम नहीं है। रोजाना कुछ समय के लिए पशुओं को खुले में बांधें, ताकि धूप सीधे शरीर पर पड़े। इससे विटामिन-डी मिलता है, हड्डियां मजबूत होती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

 

टीकाकरण और दवा पहले ही करवा लें

 

सर्दी शुरू होने से पहले पशुओं का टीकाकरण और कृमिनाशक दवा जरूर लगवा लें। इससे मौसमी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

यदि पशु कम खाना खाने लगे, दूध अचानक घट जाए, सांस लेने में दिक्कत हो या बुखार दिखाई दे, तो देरी करें और तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें।

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