Curry Leaf (करी पत्ता)
Basic Info
करी पत्ता जिसे मीठी नीम के नाम से जानते हैं यह संगधीय श्रेणी का पौधा है। करी पत्ता या मीठा नीम, बहुत ही गुणकारी पौधा है। खाने में यह स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ आपके स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा रहता है। मीठी नीम के पत्तों को सलाद में भी प्रयोग करते हैं | साऊथ इन्डियन व श्री लंका व्यंजनों के छौंक में, खासकर रसेदार व्यंजनों में, बिलकुल तेज पत्तों की तरह, इसकी पत्तियों का उपयोग किया जाता है | मीठी नीम या करी पत्ता पेड़ मुराया कोएनिजी की पत्तियों का आयुर्वेदिक चिकित्सा में जड़ी-बूटी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इनके औषधीय गुणों में ऐंटी-डायबिटीक, ऐंटीऑक्सीडेंट, ऐंटीमाइक्रोबियल, ऐंटी-इन्फ्लेमेटरी, हिपैटोप्रोटेक्टिव, ऐंटी-हाइपरकोलेस्ट्रौलेमिक इत्यादि शामिल हैं। लम्बे बाल की चाहत रखने वाली लड्कियों व महिलाओं के लिए कढ़ी पत्ता बहुत लाभकारी माना जाता है।
Seed Specification
बुवाई का समय
करी पत्ते के पौधे को पूरे वर्ष भर में वैसे तो कभी भी लगाया जा सकता है। हालांकि, तापमान का थोड़ा फर्क पड़ता है तो इसलिए बहुत ज्यादा सर्दी में इसे नहीं लगाना चाहिए। आप करी पत्ता का पौधा गर्मी, बारिश या फिर सर्दियां शुरू होने से पहले ही लगा लें।
बुवाई का तरीका
करी पत्ते के पौधे बीज के माध्यम से लगाए जाते हैं, जबकि किसान भाई इसे कलम के माध्यम से भी लगा सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इन्हें बीज के माध्यम से ही लगाना पसंद करते हैं।
दुरी
करी पत्ता के बीजों को खेत में तीन से चार मीटर की दूरी पर बनाए गए गड्डों में लगाया जाता है।
गहराई
करी पत्ता के दो से तीन बीजों को गड्डों में लगभग तीन से चार सेंटीमीटर गहराई तक बोना चाहिए।
बीज की मात्रा
एक एकड़ में लगभग 70 किलों बीज की आवश्यकता होती है।
बीज उपचार
बीजों को गड्डों में लगाने से पहले उन्हें गोमूत्र से उपचारित कर लेना चाहिए, बीजों को उपचारित करने के लिए उन्हें रोपाई से पहले लगभग दो से तीन घंटे गोमूत्र में भिगोकर रखना चाहिए।
Land Preparation & Soil Health
अनुकूल जलवायु
इसकी बढवार उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु में सबसे अच्छी होती है। पूर्ण सूर्य की रोशनी के साथ इसे गर्म तापमान की आवश्यकता होती है।
भूमि का चयन
करी पत्ता के पौधे के लिए उचित जल प्रबन्धन वाली दोमट भूमि उपयुक्त होती है। करी पत्ता के लिए चयनित मृदा में जल ग्रहण करने की क्षमता होनी चाहिए। भूमि का पीएच 6 से 7 के बीच होना चाहिए।
खेत की तैयारी
करी पत्ता (मीठी नीम) के पौधे एक बार लगाने के बाद कई साल तक पैदावार देते है। करी पत्ता की खेती के लिए खेत को 2 से 3 जुताइयाँ कर हर जुताई के बाद पाटा चलाकर खेत को समतल कर लेना चाहिए। खेत को ढेले रहित व भुरभुरा बना लेना चाहिए।
Crop Spray & fertilizer Specification
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
करी पत्ते के पौधे की अच्छी बढ़वार के लिए महीने में एक बार आप पौधे को कोई पोषण दे सकते हैं, कोशिश करें कि बदल-बदल कर पोषण दें जैसे कभी खाद, कभी सरसों खली, कभी नीम खली तो कभी आप वर्मीकंपोस्ट डाल सकते हैं।
Weeding & Irrigation
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए।
सिंचाई
करी पत्ता के बीजों को खेत में लगाने के तुंरत बाद उनकी सिंचाई कर दें। और उसके बाद जब तक बीज अंकुरित होता है तब तक गड्डों में नमी बनाए रखने के लिए दो से तीन दिन के अंतराल में पानी दें। गर्मियों के दिनों में फसल पर नियमित रूप से सिंचाई अवश्य करें। वहीँ सर्दियों में किसान भाई हल्की सिंचाई करें पर ध्यान रहे इस समय उर्वरक बिलकुल नही दें।
Harvesting & Storage
फसल की कटाई
करी पत्ता (मीठी नीम) के पौधे की शाखाओं में पत्तियाँ पूर्ण विकसित हो जाएँ | करी पत्ता (मीठी नीम) के पत्तियों की तुड़ाई कर सकते हैं | परिपक्व व बड़ी पत्तियों की तुड़ाई तोड़ना हाथ से करनी चाहिए।
कटाई के बाद
करी पत्ता के पौधे से पत्तियों की तुड़ाई के बाद उन्हें किसी छायादार जगह में सूखा लेना चाहिए। इसकी पत्तियों को सूखाने के दौरान उन्हें पलटते रहें। क्योंकि पत्तियों के नही पलटने से उनमें सडन पैदा हो जाती है, और पत्तियां खराब होने लगती है। पत्तियों के सूख जाने बाद उन्हें चूर्ण बनाकर या पत्तियों को सीधा बाज़ार में बेच दिया जाता है।
पैदावार और लाभ
करी पत्ते की एक साल में चार बार कटाई की जाती है। जिन्हें सूखाकर बेचा जाता है। एक एकड़ से साल भर में तीन से चार टन माल आसानी से मिल जाता है। जिससे किसान भाई एक एकड़ से एक बार में एक लाख से ज्यादा की कमाई कर सकता हैं।