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अगर आप खेती से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो पालक की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। पालक एक ऐसी हरी पत्तेदार सब्जी है जिसकी मांग साल भर बनी रहती है। खास बात यह है कि पालक की फसल सिर्फ 25 से 30 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे किसान जल्दी से जल्दी कमाई शुरू कर सकते हैं।
पालक की खेती के फायदे:
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कम समय में तैयार होने वाली फसल
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साल भर बाजार में अच्छी मांग
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कम लागत,
अधिक लाभ
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कई बार कटाई की जा सकती है
किस मौसम में करें बुवाई?
पालक की खेती ठंडी और हल्की गर्मी दोनों मौसमों में की जा
सकती है। आप इसे वर्षभर उगा सकते हैं,
लेकिन सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च तक का होता है।
बीज की बुवाई कैसे करें?
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पालक के बीज को 3-4 सेमी
गहराई में बोएं।
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एक-एक पंक्ति के बीच 20 सेमी
की दूरी रखें।
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मिट्टी को पहले अच्छी तरह जोतकर भुरभुरी बना लें ताकि बीज
जल्दी अंकुरित हो जाएं।
सिंचाई और देखभाल:
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पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें।
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गर्मियों में हर 5-6 दिन
में पानी दें, सर्दियों
में 8-10 दिन
में।
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खरपतवार को समय-समय पर निकालना जरूरी है।
पहली कटाई कब करें?
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बुवाई के 25 से 30 दिन बाद जब
पालक की पत्तियां 15 से 30 सेमी लंबी हो
जाएं तो पहली कटाई करें।
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कटाई करते समय पौधे की जड़ों से 5-6 सेमी ऊपर से
पत्तियां काटें।
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इसके बाद हर 15-20 दिन
में दोबारा कटाई की जा सकती है।
बाजार में पालक की कीमत:
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पालक की बाजार में कीमत ₹20 से ₹40 प्रति
किलो तक होती है।
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आप एक बीघा खेत में अगर सही देखभाल करें तो हर कटाई में 6-10 क्विंटल तक
पालक प्राप्त हो सकता है।
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इस तरह पालक की खेती से हर महीने अच्छी आमदनी हो सकती है।
कहाँ बेचें पालक?
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स्थानीय सब्जी मंडियों में
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शहर के थोक सब्जी विक्रेताओं को
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छोटे होटल,
ढाबे या कैंटीन में
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सीधे ग्राहकों को (अगर आप अपने खेत के पास सब्जी बेचते हैं)
पालक की खेती छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक लाभकारी
विकल्प है। अगर आप थोड़ी मेहनत और सही जानकारी के साथ खेती करें, तो पालक से हर 20-25 दिन में मुनाफा
कमाया जा सकता है। यह खेती कम निवेश में ज्यादा रिटर्न देने वाली है।
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