Broccoli (ब्रोकोली)
Basic Info
आप जानते है ब्रोकोली एक प्रमुख सब्जी है, जो की गोभीय वर्गीय सब्जियों के अंतर्गत आती हैं। ब्रोकोली दिखने में फूलगोभी की तरह ही दिखाई देती है लेकिन इसमें पोष्टिकता फूलगोभी से ज्यादा होती है। यह एक पौष्टिक इटालियन गोभी है। जिसे मूलतः सलाद, सूप, व सब्जी के रूप में प्रयोग किया जाता है। ब्रोकोली को हरी गोभी भी कहा जाता हे ब्रोकोली में गोभी से अधिक भाव और अधिक फूल प्राप्त होते हे गोभी के पौधे पर एक ही फूल प्राप्त होता हे लेकिन ब्रोकोली के एक ही पौधे से 4 से 5 फूल प्राप्त होते हैं। भारत में इसकी खेती ज्यादातर उत्तर भारत में की जाती है।
ब्रोकोली में पाए जाने वाले औषधीय गुण
ब्रोकोली हरी सब्जी के रूप में लोहा, प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, क्रोमियम, विटामिन ए और सी पाया जाता है, जो सब्जी को पौष्टिक बनाता है। इसके अलावा इसमें फाइटोकेमिकल्स और एंटी-ऑक्सीडेंट भी होता है, जो बीमारी और बॉडी इंफेक्शन से लडऩे में सहायक होता है। ब्रोकोली विटामिन सी से भरी हुई है। यह कई पोषक तत्वों से भरपूर है। यह कई बीमारियों से बचाने के साथ ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के भी खतरे को कम करती है।
Seed Specification
बुवाई का समय
ब्रोकोली की खेती के लिए नर्सरी तैयार करने का समय अक्टूबर का दूसरा पखवाड़ा होता है, पर्वतीय क्षेत्रों में क़म उंचाई वाले क्षेत्रों में सितम्बर- अक्टूम्बर, मध्यम उंचाई वाले क्षेत्रों में अगस्त, सितम्बर, और अधिक़ उंचाई वाले क्षेत्रों में मार्च-अप्रैल में तैयार की जाती हैं।
दुरी
बीज को पंक्तियों में 4-5 से.मी. की दूरी पर बोना चाहिए।
गहराई
बीजों की 2.5 से.मी. की गहराई पर बुवाई करना चाहिए।
बुवाई का तरीका
ब्रोकोली की बुवाई बीजों द्वारा नर्सरी में इसकी पौध प्रो-ट्रे और क्यारियों में तैयार की जाती है, और उसके बाद खेत में रोपण किया जाता है। नर्सरी की तैयारी में इस बात का ध्यान रखें की नर्सरी जमीन से 15 सेमी. ऊंची हुई हो।
बीज की मात्रा
ब्रोकोली की नर्सरी में बुवाई के लिए 400-500 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर (8-10 ग्राम प्रति नाली) पर्याप्त होता है।
बीज उपचार
ब्रोकोली की पौध तैयार करने के दौरान बीज को उपचारित कर नर्सरी में लगाना चाहिए। बीज को उपचारित करने के लिए थीरम या कैप्टन दवा की उचित मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए।
Land Preparation & Soil Health
अनुकूल जलवायु
ब्रोकोली की फसल के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है यदि दिन अपेक्षाकृत छोटे हों तो फूल की बढ़ोत्तरी अधिक होती है फूल तैयार होने के समय तापमान अधिक होने से फूल छितरेदार ,पत्तेदार और पीले हो जाते हैं। भारत में इसे रबी की फसल के साथ उगाया जाता है।
भूमि का चयन
ब्रोकोली फसल की खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन सफ़ल खेती के लिये उत्तम जलनिकास वाली बलुई दोमट मिट्टी बहुत उपयुक्त है। जिसमें पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद हो इसकी खेती के लिए अच्छी होती है। हल्की रचना वाली भूमि में पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद डालकर इसकी खेती की जा सकती है।ब्रोकली की खेती के लिए मिट्टी का pH 5.0-6.5 होना चाहिऐ।
खेत की तैयारी
पौधरोपण से पहले खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल या हैरो से करनी चाहिए। इसके बाद 2 से 3 जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करनी चाहिए। अंतिम जुताई करने से पहले खेत में 10 से 15 टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की सड़ी हुई खाद डाल कर मिट्टी में अच्छी प्रकार मिला देनी चाहिए। इसके बाद पाटा लगाकर खेत को ढेले रहित व समतल बना लेना चाहिए।
Crop Spray & fertilizer Specification
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
उर्वरको का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करना उपयुक्त रहता है | अच्छी उपज के लिए खेत तैयार करते समय प्रति हैक्टेयर 15-20 टन गोबर / कम्पोस्ट खाद, 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 100 किलोग्राम फास्फोरस तथा 50 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग किया जाना अनुकूल होता है।
Weeding & Irrigation
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए।
सिंचाई
ब्रोकोली के पौधों को पानी की सामान्य जरूरत होती है। लेकिन पौध को खेत में लगाने के तुरंत बाद उनकी सिंचाई कर देनी चाहिए। उसके बाद इसके पौधों को आवश्यकता के आधार पर 10 से 15 दिन के अंतराल में पानी देते रहना चाहिए। इसके पौधे को पककर तैयार होने के लिए लगभग 5 से 6 सिंचाई की ही जरूरत होती है।
Harvesting & Storage
फसल की कटाई
ब्रोकोली की फसल की कटाई के लिए पौधरोपण के 65-70 दिन बाद तैयार हो जाते हैं, ब्रोकली का फूल जब गठा हुआ, हरा व उचित आकार का हो तभी डंठल सहित तोडऩा चाहिये। तुड़ाई करने में विलम्ब होने से शीर्ष (फूल) में पीलापन तथा स्वाद में विपरीत प्रभाव पड़ता है।
भंडारण
ब्रोकोली को तुड़ाई के बाद बाजार में बिकने तक उचित रखरखाव की आवश्यकता होती है। अन्यथा ब्रोकली खराब होने लगती है। इसके लिये या तो ब्रोकली को बर्फ के साथ पैकिंग करें या ठंडे कमरे में रखें अथवा ठंडे पानी का छिड़काव करें। उचित रखरखाव करें इसमें ब्रोकली खराब नहीं होगी तथा बाजार पहुंचने तक ताजी एवं गुणकारी रहेगी।
उत्पादन
ब्रोकोली की उन्नत तरीके से खेती करके अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। ब्रोकोली की साधारण किस्मों से 75 से 100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तथा संकर किस्मों से 120 से 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।