सितंबर में इन 5 फसलों की खेती से किसानों को होगा ज्यादा मुनाफा

सितंबर में इन 5 फसलों की खेती से किसानों को होगा ज्यादा मुनाफा
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Kisaan Helpline

Agriculture Sep 05, 2025

Agriculture News: सितंबर का महीना खेती-बाड़ी के लिहाज से किसानों के लिए बेहद खास माना जाता है। इस समय खरीफ की फसलें लगभग खत्म होने लगती हैं और किसान रबी की तैयारी में जुट जाते हैं। ऐसे समय में अगर किसान भाई कुछ खास सब्जियों की खेती करें, तो कम लागत में कम समय के भीतर ही अच्छा उत्पादन लेकर लाखों रुपये तक की आमदनी कमा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सितंबर में अगेती प्याज, शकरकंद, लहसुन, बैंगन और मिर्च जैसी सब्जियां बोना सबसे अधिक लाभकारी रहता है।

 

सबसे पहले प्याज की खेती की बात करें तो सितंबर इसका सही समय माना जाता है। प्याज की फसल को तैयार होने में करीब तीन से पांच महीने का समय लगता है। एक एकड़ खेत से किसान लगभग 150 से 200 क्विंटल तक प्याज का उत्पादन कर सकते हैं। वर्तमान समय में प्याज का औसतन बाजार भाव बीस रुपये किलो तक रहता है, जबकि इसकी खेती पर तीस हजार रुपये तक की लागत आती है। इस हिसाब से किसानों को प्याज की खेती से एक लाख रुपये तक का लाभ आसानी से मिल सकता है।

 

शकरकंद भी इस मौसम में बोने के लिए बहुत अच्छी फसल मानी जाती है। इसकी खासियत यह है कि यह केवल नब्बे दिनों में तैयार हो जाती है। किसान एक एकड़ खेत से सौ क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं। शकरकंद का औसतन भाव बीस से पच्चीस रुपये किलो तक रहता है और इसकी खेती पर दस से बारह हजार रुपये तक का खर्च आता है। इतनी कम लागत में किसान भाई एक से डेढ़ लाख रुपये तक की आमदनी आराम से कमा सकते हैं।

 

लहसुन भी एक ऐसी फसल है जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है। सितंबर में इसकी बुवाई करने पर अच्छी पैदावार मिलती है। एक एकड़ खेत से किसान लगभग पचास क्विंटल तक लहसुन निकाल सकते हैं। बाजार में लहसुन का भाव साठ रुपये किलो तक मिल जाता है। हालांकि इस फसल की लागत करीब पैंतीस हजार रुपये तक आती है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को एक से डेढ़ लाख रुपये का मुनाफा आसानी से मिल सकता है।

 

बैंगन की खेती भी इस मौसम में किसानों के लिए लाभकारी साबित होती है। इसकी फसल तीन महीने में तैयार हो जाती है और एक एकड़ खेत से किसान सौ से लेकर डेढ़ सौ क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं। थोक बाजार में बैंगन की औसतन कीमत चौदह से बीस रुपये किलो तक रहती है। लागत करीब तीस हजार रुपये आती है और मुनाफा सवा से दो लाख रुपये तक हो सकता है। इस तरह बैंगन किसानों के लिए नियमित आय का साधन भी बन जाता है।

 

इसके अलावा मिर्च की खेती को भी सितंबर का समय काफी उपयुक्त माना जाता है। यह एक लंबी अवधि की फसल है, लेकिन इसकी आमदनी बहुत अच्छी होती है। एक एकड़ खेत से किसान लगभग दो सौ से ढाई सौ क्विंटल तक हरी मिर्च का उत्पादन निकाल सकते हैं। बाजार में मिर्च का भाव साठ रुपये से लेकर नब्बे रुपये किलो तक पहुंच जाता है। लागत लगभग चालीस हजार रुपये आती है, जबकि कमाई एक लाख से दस लाख रुपये तक हो सकती है। यही कारण है कि मिर्च को किसानों के लिए सबसे फायदे वाली फसल माना जाता है।

 

कुल मिलाकर देखा जाए तो सितंबर का महीना किसानों के लिए कमाई का बेहतरीन अवसर लेकर आता है। अगर किसान भाई इस समय इन फसलों की खेती करने का निर्णय लें, तो कम खर्च में ज्यादा उत्पादन लेकर अपनी आमदनी को कई गुना बढ़ा सकते हैं। प्याज और लहसुन जैसी फसलें सुरक्षित और टिकाऊ मानी जाती हैं, जबकि शकरकंद, बैंगन और मिर्च किसानों को तेजी से अच्छी आमदनी देने वाली फसलें हैं।

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