कृषि में नया दौर: AI और प्रिसिजन फार्मिंग से खेती हो रही है स्मार्ट

कृषि में नया दौर: AI और प्रिसिजन फार्मिंग से खेती हो रही है स्मार्ट
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Kisaan Helpline

Agriculture Nov 03, 2025

आज भारत की खेती पहले जैसी नहीं रही। अब किसान पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर नई तकनीकें अपना रहे हैं। खेती में सबसे बड़ा बदलाव आया है AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और प्रिसिजन फार्मिंग के रूप में। इन तकनीकों से अब खेतों की निगरानी, फसल की देखभाल और उत्पादन सब कुछ आसान हो गया है।


क्या है प्रिसिजन फार्मिंग?


प्रिसिजन फार्मिंग यानी “सटीक खेती” — जिसमें हर फसल की ज़रूरत के हिसाब से सही समय पर सही मात्रा में पानी, खाद और देखभाल दी जाती है। इसमें मदद करती हैं AI, ड्रोन और सेंसर जैसी आधुनिक तकनीकें।


खेती में इस्तेमाल हो रही मुख्य तकनीकें


1. AI-आधारित मृदा और फसल विश्लेषण:

AI टूल्स अब मिट्टी की गुणवत्ता, नमी और पोषक तत्वों की जांच करते हैं। ये सॉफ्टवेयर फसलों में रोग, कीट या पोषण की कमी की पहचान कर किसान को सही सलाह देते हैं।


2. ड्रोन तकनीक:

ड्रोन से खेतों की मैपिंग, निगरानी और कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है।

इससे समय और मेहनत दोनों की बचत होती है।


3. स्मार्ट सिंचाई प्रणाली:

अब IoT सेंसर की मदद से खेतों में नमी के अनुसार पानी अपने आप दिया जाता है।

इससे पानी की बर्बादी रुकती है और फसल को सही मात्रा में सिंचाई मिलती है।


4. ब्लॉकचेन तकनीक:

इससे फसल की ट्रैकिंग और सप्लाई चेन यानी खेत से बाजार तक की प्रक्रिया पारदर्शी बन रही है।

किसान को अब अपने उत्पाद का सही मूल्य मिलने में मदद मिलती है।


इन तकनीकों के बड़े फायदे


  1. फसल की उत्पादकता बढ़ती है
  2. खर्च कम होता है और संसाधनों का सही उपयोग होता है
  3. पानी और खाद की बर्बादी रुकती है
  4. पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता
  5. AI और प्रिसिजन फार्मिंग भारतीय कृषि को स्मार्ट, टिकाऊ और लाभदायक बना रहे हैं।
  6. सरकार और कई निजी कंपनियाँ इन तकनीकों को बढ़ावा दे रही हैं ताकि छोटे और बड़े दोनों किसान इनका फायदा उठा सकें।


भविष्य में, यही तकनीकें खेती को और भी आसान और उपजाऊ बनाएंगी।

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