कर्नाटक में कृषि-उद्यानिकी मेला
शिवमोग्गा (कर्नाटक) — केलाड़ी शिवप्पा नायक कृषि और उद्यानिकी विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा शुक्रवार, 7 नवंबर से चार दिवसीय कृषि और उद्यानिकी मेला आयोजित किया जा रहा है। यह मेला विश्वविद्यालय परिसर, नवुले (शिवमोग्गा शहर के बाहरी इलाके) में आयोजित होगा।
इस वर्ष मेले की थीम है — सहकारी खेती के माध्यम से सतत कृषि
विश्वविद्यालय के कुलपति आर. सी. जगदीश ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस मेले में कृषि और उद्यानिकी से जुड़ी विभिन्न प्रदर्शनियाँ, फसलों की नई किस्मों का प्रदर्शन, कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी और वैज्ञानिकों के साथ संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, नई तकनीकों का प्रसार और किसानों को विशेषज्ञों से सीधे संवाद का मंच प्रदान करना है।
मेले में प्रमुख फसलों, पौधों और उनकी किस्मों की झलक देखने को मिलेगी। साथ ही एकीकृत कृषि प्रणाली, संरक्षित खेती (Protected Cultivation) और मूल्य संवर्धन (Value Addition) पर विशेष प्रदर्शन भी होंगे।
इसके अलावा, इस बार मेले में मिलेट्स (श्रीअन्न), उद्यानिकी और वानिकी पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।
मेले के दौरान प्रगतिशील किसानों और कृषक महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने कृषि और उद्यानिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि मंत्री एन. चेलुवरायस्वामी करेंगे। इस अवसर पर जिला मंत्री एस. मधु बंगारप्पा और खनन, भूविज्ञान एवं उद्यानिकी मंत्री एस. एस. मल्लिकार्जुन भी उपस्थित रहेंगे।
कुलपति ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय ने हाल ही में नई फसल किस्में और तकनीकें विकसित की हैं, जिनमें लाल चावल की ‘सह्याद्री सिंधूरा’ और रागी की ‘केएमआर 630’ किस्म शामिल है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना और क्षेत्र में सतत खेती को प्रोत्साहन देना है।
यह मेला किसानों के लिए नई तकनीकें सीखने, विशेषज्ञों से बातचीत करने, और खेती में नए प्रयोगों को अपनाने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
ऐसे कृषि मेलों में किसानों को ज़रूर भाग लेना चाहिए, क्योंकि ये आयोजन न केवल नई जानकारी देते हैं, बल्कि खेती को और अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनाने की दिशा में प्रेरित भी करते हैं।
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