प्याज की अगेती खेती के लिए करें इस तकनीक का प्रयोग, मिलेगी बम्पर पैदावार
प्याज की अगेती खेती के लिए करें इस तकनीक का प्रयोग, मिलेगी बम्पर पैदावार
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प्याज की खेती: प्याज का उपयोग दुनिया भर के रसोईघरों में किया जाता है। देशभर में नवंबर से फरवरी के बीच मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पाटने में खरीफ प्याज अहम भूमिका निभाता है। ख़रीफ़ फ़सल की उत्पादकता कम है। इस फसल को बारिश के कारण होने वाले रोग भी लगते हैं। ऐसे में किसान सेट (Onion Cultivation) के जरिए प्याज का उत्पादन कर सकते हैं। खरीफ मौसम के लिए सेट के माध्यम से प्याज उत्पादन एक आधुनिक तकनीक है। यह तकनीक उन क्षेत्रों के लिए बेहतर है जहां गर्म और आर्द्र परिस्थितियों के कारण मई-जून में नर्सरी की खेती मुश्किल होती है। खरीफ में प्याज को कम समय में उगाने के लिए सेट तकनीक से उगाया जाता है। नर्सरी से फसल उगाने की तुलना में सेट से फसल उगाने में कम समय लगता है। इसलिए सेट प्रौद्योगिकी का उपयोग अल्पावधि उत्पादन के लिए किया जा सकता है।

सेट तकनीक से प्याज की खेती क्या है?

सेट तकनीक द्वारा पहले प्याज के सेट (छोटे कंद) बनाये जाते हैं, फिर उन्हीं सेटों को नर्सरी में लगाकर प्याज का व्यावसायिक उत्पादन लिया जाता है। सेट आमतौर पर नर्सरी फसल से 3-4 सप्ताह पहले तैयार हो जाते हैं। ये बीज वाले प्याज की तुलना में अधिक उपज देते हैं। व्यावसायिक रूप से इस तकनीक का उपयोग ज्यादातर हरे प्याज और सूखे कंदों के उत्पादन के लिए किया जाता है।

सेट बनाने की विधि

आईसीएआर की रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी के आखिरी सप्ताह से फरवरी के मध्य तक नर्सरी बेड में बीज बोने से सेट तैयार होते हैं। आम तौर पर 5x1 मीटर आकार या 1.2 मीटर चौड़ाई और 60 मीटर लंबाई तक चौड़ी उठी हुई क्यारियां बनाई जाती हैं। नर्सरी बेड में बुआई के लिए प्रति वर्ग मीटर 12 ग्राम प्याज के बीज की आवश्यकता होती है। एक हेक्टेयर में पौधे लगाने के लिए लगभग 10-12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।


सेट बनाने के लिए किस्में

प्याज और लहसुन पर भारतीय नेटवर्क अनुसंधान परियोजना के माध्यम से भीमा सुपर, भीमा डार्क और भीमा श्वेता किस्मों को सेट उत्पादन के लिए मंजूरी दी गई है। यह फसल रोपाई की गई फसल से लगभग एक माह पहले पक जाती है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है।

सेट तकनीक से व्यावसायिक प्याज 70-80 दिन में तैयार हो जाता है। यह आमतौर पर नर्सरी फसल से 3-4 सप्ताह पहले तैयार हो जाती है। इससे प्रति एकड़ 10-12 टन प्याज का उत्पादन होता है।