बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसान की बढ़ाई चिंता, गेहूं के साथ साथ आलू, सरसों और अन्य फसलों को भारी नुकसान
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसान की बढ़ाई चिंता, गेहूं के साथ साथ आलू, सरसों और अन्य फसलों को भारी नुकसान
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एक तरफ जहां पिछले तीन दिनों से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और ओलावृष्टि के कारण तापमान में काफी गिरावट आई है। वहीं दूसरी ओर इसका सीधा असर फसलों पर पड़ा है। तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और आलू की फसल को काफी नुकसान हुआ है। फसलों की इस बर्बादी ने किसानों के चेहरे पर शिकन ला दी है।

तेज हवा, बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होने की आशंका से किसान चिंतित हो गये हैं। सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो गेहूं की फसल जमीन से बिखरी हुई थी। सरसों की फसल भी प्रभावित हुई है। पिछैती आलू की फसल में भी नुकसान की आशंका है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान के कई जिलों में सरसों और गेहूं के साथ-साथ अन्य फसलों को भी नुकसान हुआ है। इससे जहां चना और सरसों की कटाई प्रभावित होगी, वहीं प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में भी कमी आने की आशंका है।

राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में जहां सरसों की फसल की कटाई चल रही है, वहीं चने की फसल भी लगभग तैयार है। गेहूं में दाने पड़ने शुरू हो गए है। इन राज्यों के कई जिलों में भारी बारिश, ओलावृष्टि और हवा से फसलों को नुकसान हुआ है।

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी हुई है। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ीं। उत्तर प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ के मध्य भागों में हल्की बारिश हुई। मध्य महाराष्ट्र में छिटपुट हल्की बारिश हुई।

अगले 24 घंटों तक जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी बारिश और बर्फबारी जारी रहने की उम्मीद है और उसके बाद तीव्रता कम हो जाएगी।

बारिश के कारण लगा आलू की खुदाई पर ब्रेक

पश्चिमी विक्षोभ के असर से शुक्रवार और शनिवार को भी दिन भर मौसम बदलता रहा। शुक्रवार की रात और शनिवार की सुबह तेज हवा के साथ हुई बारिश ने आलू, गेहूं और सरसों की कटाई करने वाले किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। बारिश का पानी खेतों में भर जाने से आलू के जमीन के नीचे सड़ने और उसका रंग काला पड़ने का खतरा बढ़ गया है। नमी के कारण आलू की बढ़वार भी कम हो जायेगी। बारिश में भीगने से सरसों के बीज भी खराब हो सकते हैं। तेज हवा के कारण गेहूं की फसल भी खेतों में गिर गयी है। बारिश ने आलू की खोदाई पर भी ब्रेक लगा दिया है। एक तो इस बार खेतों में आलू की पैदावार बहुत कम हुई, ऊपर से बारिश के रूप में आई इस प्राकृतिक आपदा ने भी किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

शनिवार को किसान खेतों में खोदे गए आलू को बारिश से बचाने का प्रयास करते दिखे। कई किसानों ने आलू को बोरे और तिरपाल से ढक दिया, तो कई किसान बारिश के दौरान आलू को बोरे में भरकर ट्रैक्टर से दूसरी जगहों पर भेजते दिखे। समस्या के चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं। किसानों का मानना है कि यदि बारिश नहीं रुकी तो आलू की फसल पूरी तरह बर्बाद होना तय है।

अगले 5 दिनों के दौरान मौसम प्रणालियाँ और पूर्वानुमान एवं चेतावनियाँ:

05 मार्च, 2024 की रात से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। इसके प्रभाव के तहत, 05 से 07 मार्च, 2024 के दौरान जम्मू-कश्मीर-लद्दाख-गिलगित-बाल्टिस्तान-मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश में छिटपुट से लेकर व्यापक रूप से हल्की/मध्यम वर्षा/बर्फबारी होने की संभावना है और उत्तराखंड में छिटपुट वर्षा/बर्फबारी होने की संभावना है।

एक चक्रवाती परिसंचरण निचले क्षोभमंडल स्तर पर पूर्वोत्तर असम पर स्थित है। वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव एवं पूर्व की ओर गति के तहत:
  • अगले 2-3 दिनों के दौरान अरुणाचल प्रदेश में छिटपुट से लेकर व्यापक रूप से हल्की/मध्यम वर्षा/बर्फबारी होने की संभावना है।
  • 05 मार्च, 2024 को असम और मेघालय और नागालैंड में गरज और बिजली के साथ छिटपुट हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
अगले 2 दिनों के दौरान रायलसीमा और केरल में गर्म और आर्द्र मौसम बने रहने की संभावना है।