घरो में कैसे करे किचन गार्डनिंग ?
घरो में कैसे करे किचन गार्डनिंग ?

घरो में कैसे करे किचन गार्डनिंग ?

अमित सिंह (सहायक प्राध्यापक) एवं ब्रजेश कुमार मिश्र (सह प्राध्यापक)
कृषि विज्ञान विभाग,  महर्षि मारकंडेश्वर (सम विश्वविद्यालय )
मुल्लाना, अंबाला, हरियाणा, भारत


किचन गार्डन कैसे बनाएं – How To Make Kitchen Garden

आज के समय में ताजी आर्गेनिक सब्जियां (organic vegetables) और फल (fruits) प्राप्त करने के लिए किचन गार्डनिंग काफी पॉपुलर हो रही है। इसमें हमने किचन गार्डनिंग से सम्बंधित जानकारी को विस्तार से बताया है। किचन गार्डन बनाने के लिए सबसे बेहतर स्थान छत (terrace) या बालकनी है।

इसके अलावा आप खिड़की पर भी हैंगिंग पॉट (hanging pots) का उपयोग कर किचन गार्डनिंग कर सकते हैं और सब्जियों (kitchen garden plants) को सफलतापूर्वक उगा सकते हैं। किचन गार्डनिंग करना काफी आसान है। इसमें आप जानेगें कि, किचन गार्डन का महत्व क्या है, किचिन या टेरेस गार्डनिंग कैसे करें, घर पर किचन गार्डन बनाने की टिप्स (kitchen garden tips ) और सम्पूर्ण जानकारी के बारे में।

किचन गार्डन का सही समय – Right Time For Kitchen Gardening

किचन गार्डनिंग शुरू करने के लिए वसंत ऋतु का महीना एक आदर्श समय है, जिसमें आप सब्जियों को उगाकर गार्डनिंग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप किसी भी मौसम के अनुसार उगाई जाने वाली सब्जियों को ध्यान में रखकर किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।

किचन गार्डन के लिए डिजाइनिंग आइडिया – Designing Idea For Terrace Gardening

घर पर किचन गार्डन के लिए आप निम्न प्रकार की गार्डनिंग को उपयोग में ला सकते हैं, जैसे:

  • कंटेनर गार्डनिंग (container gardening)
  • वर्टिकल गार्डनिंग (vertical gardening)
  • हैंगिंग कंटेनर्स गार्डनिंग (hanging containers gardening)
  • वॉल माउंटेड कंटेनर गार्डनिंग (wall mounted containers gardening

किचन गार्डन के लिए उचित स्थान का चयन करें
Best Location For The Kitchen Garden


खुला, धूप वाला स्थान (open, sunny spot) – फल सब्जियों को उगाने के लिए ऐसे स्थान का चयन करें, जहाँ सुबह की धूप और रोजाना लगभग 6 से 8 घंटे सीधी धूप मिलती है। तेजी से और अच्छी तरह से बढ़ने के लिए, सब्जियों को जितना संभव हो उतना प्रकाश की आवश्यकता होती है। यदि किसी कारणवश पर्याप्त सूर्य प्रकाश नहीं मिल पाता है, तो आप छाया में ग्रो करने वाली सब्जियों और फलों को भी ग्रो कर सकते हैं, जैसे चेरी (cherries), ब्लैकबेरी (blackberries), रास्पबेरी (raspberries) और ब्लैककरंट (blackcurrants)।

तेज हवा से सुरक्षा (Wind protection) – किचन गार्डन में पौधों को तेज हवा से सुरक्षित रखने के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

किचन गार्डनिंग के लिए बुनियादी आवश्यकताएँ – Basic Requirements For Kitchen Gardening

यदि आप घर पर किचन गार्डनिंग का विचार बना रहें, तो इसके लिए कुछ बुनियादी आवश्यकताएं निम्न हैं, जैसे:-

  • पौधे या बीज (plants or seeds)
  • कंटेनर, ग्रो बैग, पॉट्स (grow bags)
  • गार्डनिंग टूल्स (gardening tools)
  • मिट्टी (gardening soil)
  • जैविक खाद (organic manures), आदि।

किचन गार्डन के लिए इन सभी आवश्यक सामग्री को आप नर्सरी के माध्यम से या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

घर पर किचन गार्डनिंग के लिए अच्छी क्वालिटी के बीज – Seeds For Kitchen Gardening

किचन गार्डनिंग के लिए आप जरूरी पौधों के उच्च गुणवत्ता वाले जैविक बीजों को खरीदें। कुछ बीजों को अंकुरित करने के लिए सीडलिंग ट्रे में उगाया जाना चाहिए और फिर कंटेनरों (गमले या ग्रो बैग) में प्रत्यारोपित किया जाना चाहिए। आसानी से उगाए जाने वाले पौधों (easily grown plants) को लगाकर किचन गार्डनिंग की शुरूआत करें, आप खिड़की या छत की दीवारों का उपयोग कर बेल वाली सब्जियों को ग्रो कर सकते हैं।

टैरेस गार्डनिंग के लिए कंटेनर – Containers For Terrace Gardening

सब्जियों या फलों के पौधों को उगाने के लिए गमले या ग्रो बैग का उपयोग करना किचन गार्डन के लिए सबसे अच्छा विकल्प है। पौधे के आकार और वृद्धि के आधार पर आप गमले या ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं। चूँकि ग्रो बैग और गमले ज्यादा जगह नहीं घेरते हैं और इनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से प्रतिस्थापित भी किया जा सकता है, इसलिए किचिन गार्डनिंग में इनका उपयोग करना सुविधाजनक होता है। गमले या ग्रो बैग में उचित जल निकासी के लिए इसके तल में 2 से 3 ड्रेनेज छेद होने चाहिए। आप टेरेस गार्डनिंग में पौधे लगाने के लिए ग्रो बैग को ऑनलाइन या बाजार से प्राप्त कर सकते हैं

किचन गार्डन प्लांट्स – Kitchen Gardening Plants

आप अपने किचन गार्डन में निम्न सब्जियों के पौधे आसानी से उगा सकते हैं, जैसे:-

गोभी (Cauliflower), मटर (Pea), धनिया (coriander), मैथी (Fenugreek), बैंगन (Brinjal), भिंडी (Okra/ladyfinger), लेट्यूस (lettuces) शिमला मिर्च (capsicum) बीन्स (beans) जैसे- फ्रेंच बीन्स (French beans), बोरलेटी बीन्स (borlotti beans) और रनर बीन्स (runner beans) गाजर (Carrot)टमाटर (toamto) आलू (potato) चुकंदर (Beetroot) स्विस चार्ड (swiss Chard/silverbeet) आंवला (Gooseberries) स्ट्रॉबेरी (Strawberries) जड़ी बूटी (Herbs), जैसे- थाइम (thyme), तुलसी (basil), चिव्स (chives), पुदीना (mint), सेज (sage), अजमोद (parsley), रोजमेरी (rosemary) मिर्च (Chillies) मूली (Radish) खीरा (Cucumber) प्याज (Onions)

किचन गार्डन में उगाई जाने वाली सब्जियों का चयन – Choose What To Grow Kitchen Garden

किचन गार्डनिंग के लिए आपको सुविधाओं के अनुसार उगाये जाने वाली सब्जियों और फलों को चुनना होगा। आप सूर्य प्रकाश की उपस्थिति के आधार पर उगाये जाने वाले पौधों का चयन कर सकते हैं। जड़ी-बूटियों को ग्रो करने के लिए सिर्फ 2 से 4 घंटे सीधी धूप की जरूरत होती है और सब्जियों को कम से कम 4 से 6 घंटे की जरूरत होती है। अतः धूप की उपस्थिति के अनुसार आप पौधों को लगाएं।

किचन गार्डनिंग के लिए मिट्टी – Best Soil For Kitchen Garden

सब्जियों को लगाने के लिए किचन गार्डनिंग के तहत सामान्य बगीचे की मिट्टी का प्रयोग न करें। इसके बजाय, पौधों को ग्रो करने के लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाले पॉटिंग मिश्रण का उपयोग करना फायदेमंद होता है। रसायन उर्वरक मिश्रित मिट्टी (chemical mixed soils) का चुनाव न करें, यह पौधों की पैदावार पर असर डाल सकती है। रासायनिक रूप से उपचारित मिट्टी के बजाय मिट्टी में जैविक खाद और जैविक उर्वरक को प्राथमिकता दें।

टेरिस और किचन गार्डनिंग के लिए प्रीमियम पॉटिंग मिश्रण (potting mix) की सिफारिश की जाती है। पॉटिंग मिट्टी बनाने के लिए खाद (compost), रेत (sand) और जैविक खाद (organic manure) के साथ मिट्टी को मिलाएं। कंटेनर या गमले के वजन को कम करने के लिए आप मिट्टी, कोकोपीट, वर्मीकम्पोस्ट, गोबर खाद के मिश्रण को तैयार कर सकते हैं।

किचन गार्डनिंग के लिए पानी – Water For Kitchen Gardening

यदि आप किचन गार्डन में पौधे उगाने जा रहे हैं तो, पौधों को नियमित रूप से, आवश्यकतानुसार पानी देना न भूलें। किचिन गार्डनिंग में पौधों को पानी देने के लिए वाटर केन या वाटर पंप स्प्रे का उपयोग करें। पौधों को साफ पानी दें, क्लोरीनयुक्त पानी (chlorinated water) देने से बचें। सुनिश्चित करें कि आप अपने पौधों को अधिक पानी नहीं देते हैं, क्योंकि इससे पौधों की जड़ों को नुकसान और क्षय होता है।