आम की एक नई समस्या आम के फलों में आंतरिक विगलन विकार
आम की एक नई समस्या आम के फलों में आंतरिक विगलन विकार

प्रोफेसर (डॉ) एस.के. सिंह
प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना एवं 
सह निदेशक अनुसन्धान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर, बिहार

आजकल आम उत्पादक किसान तरह तरह की समस्या से जूझ रहे है। आम का फल फट रहा है। फटने के कई कारण है जैसे कही कही पर आम का फल फट रहा है एवं सड़ जा रहा है उसे काट कर देखने पर उसके अंदर लाल सफेद धारी युक्त कीट का लार्वा दिखाई दे रहा है, वह रेड बैंडेड कैटरपिलर कीट है उसके प्रबंधन की चर्चा मैं कर चुका हूं। यदि आपका आम सड़ रहा है एवं काटकर देखने पर कोई कीट नही दिखाई दे रहा है तो इसका मतलब है की यह आम का आंतरिक विगलन विकार है इसके होने में न तो किसी रोगजनक या किसी कीट की संलिप्तता है बल्कि यह बोरोन नामक तत्व की कमी की वजह से हो रहा है। इसमें सबसे पहले फलों के निचले हिस्से में जलसिक्त सलेटी रंग के धब्बे बन जाते हैं और बाद में ये धब्बे बढ़ कर गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं। इसमें उत्तक के विघटन की प्रकिया शुरू हो जाती है, जिससे गूदा दिखने लगता है और फल फट जाता है तथा अन्दर के उत्तक दिखाई देते हैं, जिसमें सड़न प्रतीत होती है। साथ ही फटे भाग से पीले रंग की बूंदें निकलने लगती हैं। गुठली भी भूरे रंग की दिखती है और संक्रमित फल पेड़ से गिर जाते है। यदि इसे काटने पर कोई कीड़ा का लार्वा नही दिखाई देता है तो इसका मतलब है की यह आम का आंतरिक विगलन विकार है, जो बोरोन की कमी की वजह से होता है।

आंतरिक विगलन विकार का प्रबंधन कैसे करें?

जब फलों का आकार मटर के दाने के बराबर होता है तब पहला छिड़काव घुलनशील बोरोन @2ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर करना चाहिए और इसके बाद 15 दिनों के अंतराल पर दो और छिड़काव इसी घोल से करना चाहिए। अब विलंब हो गया है,15 अप्रैल के आस पास यदि आपने सोलूबर घुलनशील बोरोन @2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया होता तो यह विकार नहीं होता।

अगले वर्ष यह विकार न हो इसके लिए फल की तुड़ाई के बाद खाद एवं उर्वरक देते समय प्रति पेड़ 250 से 500 ग्राम सोलूबर (पेड़ की उम्र एवं कैनोपी के अनुसार) का प्रयोग करने से अगले साल यह समस्या नहीं आयेगी।