लोरैंथस, आम के पेड़ों पर पाए जानेवाला परजीवी पौधा जो पेड़ को धीरे धीरे करता है कमजोर, जाने कैसे करें प्रबंधित?
लोरैंथस, आम के पेड़ों पर पाए जानेवाला परजीवी पौधा जो पेड़ को धीरे धीरे करता है कमजोर, जाने कैसे करें प्रबंधित?

प्रोफेसर (डॉ) एस.के .सिंह
सह मुख्य वैज्ञानिक (पौधा रोग), प्रधान अन्वेषक अखिल भारतीय अनुसंधान परियोजना फल 
एवम् सह निदेशक अनुसंधान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय
पूसा , समस्तीपुर बिहार

यह लकड़ी की प्रकृति वाले बारहमासी पेड़ों का एक आंशिक तना परजीवी है। परजीवी की असली कार्यात्मक पत्तियां होती हैं, हालांकि इसमें एक जड़ प्रणाली की कमी होती है और इसलिए, यह मेजबान पौधों जैसे आम की अनुपस्थिति में जीवित रहने में असमर्थ है। परजीवी को पोषण और पानी के लिए मेजबान (आम) पर निर्भर रहना पड़ता है। मेजबान पौधे की जड़ों द्वारा अवशोषित पोषक तत्वों और पानी को परजीवी आपने विकास के लिए उपयोग में लाता है, परिणामस्वरूप, मेजबान की वृद्धि में कमी आती है। इसके साथ ही, परजीवी (लोरांथास) तेज दर से विकसित होता है। कई लोरैंथस शाखाओं का विकास मेजबान को पूरी तरह से कमजोर करता है। मेज़बान की शक्ति कम हो जाती है और फलों की उपज और गुणवत्ता में कमी आ जाती है। यह परजीवी उन बागों में ज्यादा देखने को मिलता है जिन बागों का प्रबंधन ठीक से नहीं होता है।

लोरैंथस (परजीवी) का जीवन चक्र
लोरैंथस का फल बेरी जैसे होते है जो गर्मियों में लोरैंथस की शाखाओं पर उत्पन्न होते हैं। इन फलों का सेवन करने वाले पक्षी बीजों का प्रसार करते हैं, जो मेजबान के शाखावार जंक्शनों पर पेड़ की टहनियों पर बने रहते हैं। मेजबान सतह (पेड़ के तने) पर बीज मानसून की शुरुआत में अंकुरित होते हैं और सीधे मेजबान में प्रवेश करते हैं। परजीवी की प्रारंभिक वृद्धि धीमी होती है। मेजबान के शरीर में प्रवेश करने पर, चूसने वाला अंग ( हस्टोरियम) मेजबान के ऊतक के भीतर परजीवी द्वारा भेज दिया जाता है, जो मेजबान के जाइलम से पोषक तत्वों को घुसना और अवशोषित करना प्रारंभ कर देता है। परजीवी एवम् मेज़बान के मध्य संबंध की स्थापना बड़े गाँठ या पित्त की तरह अतिवृद्धि और परजीवी और मेजबान के संपर्क के विकास के परिणामस्वरूप होती है। लोरैंथस परजीवी के रूप में आम के अलावा नींबू, जैकफ्रूट, सपोटा पर भी पाए जाते है।

लोरैंथस का प्रबंधन कैसे करें?
लोरैंथस को कटर की मदद से फूल आने से पहले संक्रमित शाखा से परजीवी को खुरचकर( स्क्रैपिंग) निकालना चाहिए। अच्छी तरह से स्थापित लोरैंथस की झाडीनुमा पौधे को जिस बिंदु पर जुड़ा हो वहां उसके नीचे से काट दिया जाता है और उसे नष्ट कर दिया जाता है। लोरैंथस जिस बिंदु पर मेज़बान से जुड़ा होता है वहां 0.5% ग्लाइफोसेट नामक खरपतवारनाशी या डीजल का प्रयोग करके उसे समुल नष्ट कर देना चाहिए, जिससे परजीवी का विकास रूक जाता है।