फल, फूल एवं सब्जियों की नर्सरी में आने वाली सबसे बड़ी समस्या डैंपिंग ऑफ बीमारी (सीडलिंग अवस्था में) को कैसे करें प्रबन्धित?
फल, फूल एवं सब्जियों की नर्सरी में आने वाली सबसे बड़ी समस्या डैंपिंग ऑफ बीमारी (सीडलिंग अवस्था में) को कैसे करें प्रबन्धित?

डॉ. एस.के .सिंह
प्रोफेसर सह मुख्य वैज्ञानिक( प्लांट पैथोलॉजी) , एसोसिएट डायरेक्टर रीसर्च
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय
पूसा , समस्तीपुर बिहार

इस समय किसान जाड़े के समय लगाए जाने वाले फल,फूल एवं सब्जी हेतु सीडलिंग को नर्सरी उगने में व्यस्त है। इस समय उन्हें एक समस्या से दो चार होना पड़ रहा है, इस समस्या में छोटे पौधे (सीडलिंग) जमीन की सतह से गल कर गिर जा रहे है ,उन्हें समझ नही आ रहा है की क्या करे, इस समस्या को डैंपिंगऑफ कहते है।
डैंपिंग ऑफ नर्सरी में लगने वाली एक आम बीमारी है जो ज्यादातर नर्सरी में सब्जियों के बीज बोने की अवस्था में होती है।  यह अंकुरों को बहुत जल्दी मार सकता है। यह रोग मृदा जनित कवक के कारण होता है और कई फसलों (नर्सरी में उगाई जाने वाली सभी जैसे कोल फ़सल, टमाटर और मिर्च,पपीता,गेंदा का फूल इत्यादि जिसकी भी नर्सरी तैयार करते है ) पर हमला करता है। तने पर लक्षणों में जमीनी स्तर पर भूरे पानी के धँसे हुए घाव शामिल हैं। धीरे-धीरे तना या जड़ें सड़ जाती हैं और अंकुर जमीन की सतह पर गिर जाता है और मर जाता है।
उच्च घनत्व, उच्च आर्द्रता और उच्च तापमान में नर्सरी में उगाए लगभग सभी फल,फूल,एवं सब्जी के अंकुर के समय होने वाले प्रमुख रोगों में से एक  हैं। जब पौधे बड़े हो जाते हैं तो वे इस रोग के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो जाते हैं और नियंत्रण के उपाय अनावश्यक होते हैं।


नर्सरी में लगने वाली डैंपिंगऑफ बीमारी को कैसे करें प्रबन्धित?
नर्सरी में  उपयोग करने से पहले औजारों को खूब अच्छी तरह से साफ पानी से अच्छी तरह धो लें। अच्छे हवादर (वातन) के साथ धूप वाले क्षेत्र को नर्सरी बेड हेतु चयन करें। सुनिश्चित करें कि नर्सरी बेड अच्छी तरह से सूखा रहे।सर्वोत्तम उत्पादन के लिए किसानों को मूल बातें सही करनी चाहिए.यदि संभव हो तो सीडलिंग सीड ट्रे या जिसे प्रो ट्रे भी कहते है उसमे उगाए। इससे लगाने से उन्हें उचित गणना में मदद मिलेगी और उचित प्रबंधन में भी मदद मिलेगी ।इसके अलावा ट्रे बारिश के दौरान या अन्य किसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करती है।नर्सरी बेड में मिट्टी को सूर्य की धूप से निर्जमीकृत (सॉयल सोलराइजेशन) करें। तैयार नर्सरी बेड को गीला करें फिर सफेद प्लास्टिक (250-300 गेज) से ढक दें ताकि यह 21 दिनों तक एयर टाइट रहे। फिर, प्लास्टिक हटा दें और नर्सरी बेड को 3 दिनों तक के लिए खुला छोड़ दें। सदैव उपचारित बीजों का ही प्रयोग करें। बीज का उपचार ट्राइकोडरमा @10ग्राम ट्राइकोडरमा /लीटर पानी की दर से करें।यदि बीजों को उपचारित नहीं किया गया है, तो उन्हें कार्बेन्डाजिम @ 2 ग्राम / किग्रा बीज के साथ एक कंटेनर में रखें, ढक्कन बंद करें और अच्छी तरह से हिलाएं,इस प्रकार से बीजों को उपचारित करें। पौधो को घना होने से बचाने के लिए पंक्ति से पंक्ति के बीच अंकुर की दूरी 10 सेमी और पौधे से पौधे के बीच 2 सेमी रखें।  कमजोर और अस्वस्थ पौध को हटा दें।  यदि  डैंपिंगऑफ रोग के लक्षण दिखाई दें तो रिडोमिल+मैनकोजेब युक्त फफुंदनाशक दवा @ 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी का छिड़काव नर्सरी की पौध में करें।
फफुंदनाशक / कीटनाशक का उपयोग करते समय, हमेशा सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और उत्पाद लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें, जैसे कि खुराक,प्रयोग का समय इत्यादि।