खरीफ सीजन में सोयाबीन की इस उन्नत किस्म JS 23-03 की खेती से पाएं ज्यादा उत्पादन – जानिए पूरी जानकारी

खरीफ सीजन में सोयाबीन की इस उन्नत किस्म JS 23-03 की खेती से पाएं ज्यादा उत्पादन – जानिए पूरी जानकारी
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Kisaan Helpline

Crops May 31, 2025

खरीफ में सोयाबीन की खेती क्यों?

भारत में खरीफ सीजन की शुरुआत मानसून की पहली बारिश के साथ होती है, और इसी मौसम में किसान धान, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द और सोयाबीन जैसी फसलों की बुवाई करते हैं। इनमें से सोयाबीन एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जो न सिर्फ तेल उत्पादन बल्कि पशु आहार और खाद्य उत्पादों के लिए भी प्रयोग होती है।

अब जब मौसम तैयार है, तो सवाल यह है — कौन-सी किस्म बोई जाए जिससे कम समय में अधिक उपज मिल सके? इस प्रश्न का उत्तर है: सोयाबीन की किस्म JS 23-03

 

सोयाबीन की किस्म JS 23-03: एक नजर में

विशेषता विवरण
किस्म का नामJS 23-03
फसल की अवधिलगभग 90 दिन
औसत उत्पादन2167 किग्रा/हेक्टेयर
रोग प्रतिरोधकतामध्यम (पीला मोजेकराइजोक्टोनियाएन्थ्रेक्नोजचारकोल रॉट)
पुष्प रंगबैंगनी
फलीबाल रहित
उपयुक्त मिट्टीदोमट मिट्टी
आवश्यक बीज मात्रा

50-60 किग्रा/हेक्टेयर


सोयाबीन की किस्म JS 23-03 किस्म की उत्पत्ति और अनुसंधान

यह किस्म जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (JNKVV), जबलपुर द्वारा विकसित की गई है। वैज्ञानिकों ने इसे कम समय में पकने, अधिक उपज देने और सामान्य रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है।

 

मुख्य उद्देश्य:

·         किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन मिल सके

·         रासायनिक दवाओं पर निर्भरता कम हो

·         सूक्ष्म जलवायु परिस्थितियों में भी उपज स्थिर बनी रहे

 

किसानों के लिए क्यों फायदेमंद है JS 23-03?

1. सिर्फ 90 दिनों में तैयार

जहां पारंपरिक सोयाबीन किस्में 100-120 दिनों में तैयार होती हैं, वहीं JS 23-03 मात्र 90 दिनों में पक जाती है, जिससे दूसरी फसल की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।

 

2. बंपर उत्पादन

औसतन इस किस्म से 2167 किग्रा प्रति हेक्टेयर उत्पादन होता है, जो पारंपरिक किस्मों से लगभग 27% अधिक है।

 

3. रोगों से बचाव

सोयाबीन की फसलों में रोगों का प्रकोप आम है, खासकर पीला मोजेक वायरस और एन्थ्रेक्नोज। JS 23-03 में इन रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधकता है जिससे फसल सुरक्षित रहती है और उत्पादन प्रभावित नहीं होता।

 

4. कम लागत, ज्यादा मुनाफा

कम रोग लगने की वजह से दवाओं की जरूरत कम होती है। इसके साथ ही जल्दी पकने से सिंचाई और अन्य खर्चे भी कम हो जाते हैं।

 

JS 23-03 की खेती कैसे करे

1. मिट्टी का चयन और खेत की तैयारी

·         दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

·         खेत की गहरी जुताई करें।

·         8-10 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति हेक्टेयर खेत में मिलाएं।

·         खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए।

 

2. बीज की बुवाई

·         बुवाई का सही समय: जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई के पहले पखवाड़े तक।

·         बीज दर: 50-60 किग्रा/हेक्टेयर

·         कतार से कतार की दूरी: 30 सेमी

·         पौधे से पौधे की दूरी: 10 सेमी

 

3. उर्वरक प्रबंधन

·         20:60:40 NPK/हेक्टेयर उर्वरक का प्रयोग करें।

·         जैविक खाद (Rhizobium और PSB कल्चर) से बीज उपचार करें।

·         अच्छी पैदावार के लिए 25 किलोग्राम टाटा स्टील का धुर्वी गोल्ड प्रति एकड़ के हिसाब से खेत की तैयारी के समय दीजिये।

 

4. सिंचाई प्रबंधन

·         अगर बारिश की कमी हो तो बुवाई के 20-25 दिन बाद एक हल्की सिंचाई जरूरी होती है।

·         फूल और दाना भरने के समय भी सिंचाई लाभदायक होती है।

 

5. रोग और कीट प्रबंधन

·         बीज उपचार के लिए थायरम या कार्बेन्डाजिम का प्रयोग करें।

·         सफेद मक्खी और तना मक्खी से बचाव के लिए नीम की खली या जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।

 

6. कटाई और भंडारण

·         जब पत्तियां पीली होकर झड़ जाएं और फलियां पक जाएं तब कटाई करें।

·         कटाई के बाद अच्छी तरह सूखा कर भंडारण करें।

 

बाजार में मांग और मुनाफा

सोयाबीन की मांग तेल मिलों और निर्यातकों के बीच हमेशा बनी रहती है। JS 23-03 जैसी उन्नत किस्मों की उपज गुणवत्ता में अच्छी होती है जिससे यह बाजार में अच्छी कीमत पर बिकती है। इसके अलावा इसका दाना समान आकार और रंग का होता है, जो प्रोसेसिंग यूनिट्स को पसंद आता है।

·         औसत बिक्री मूल्य: ₹4500-₹5000 प्रति क्विंटल

·         प्रति हेक्टेयर अनुमानित आमदनी: ₹95,000 से ₹1,10,000 तक

·         लागत: ₹35,000 से ₹45,000 तक

·         शुद्ध लाभ: ₹50,000 से ₹65,000 तक

 

JS 23-03 क्यों है खरीफ के लिए बेस्ट विकल्प?

·         कम समय में तैयार होने वाली उन्नत किस्म

·         रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधकता

·         बाजार में अच्छी मांग

·         उच्च उत्पादन क्षमता

·         कम लागत, अधिक मुनाफा

 

सोयाबीन की JS 23-03 किस्म आज के समय में किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो खेती को लाभकारी बना सकती है। यदि आप खरीफ सीजन में सोयाबीन की खेती की योजना बना रहे हैं, तो JS 23-03 को प्राथमिकता दें और बंपर मुनाफा कमाएं।

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