सोयाबीन एनआरसी 131 (आईएस 136) (soybean variety NRC 131)
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सोयाबीन एनआरसी 131 (आईएस 136) (soybean variety NRC 131)

सोयाबीन किस्म एनआरसी 131 (आईएस131) 93 दिनों की मध्यम अवधि की किस्म है, जिसकी औसत उपज 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म चारकोल रॉट और टार्गेट लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए मध्यम प्रतिरोधी है।

बीज दर :- सोयाबीन की फसल
छोटे दाने वाली किस्में – 70 किलो ग्राम प्रति हेक्टर
मध्यम दाने वाली किस्में – 80 किलो ग्राम प्रति हेक्टर
बडे़ दाने वाली किस्में – 100 किलो ग्राम प्रति हेक्टर

बीज बोने का समय, विधि, बीजोपचार :- जून के अन्तिम सप्ताह में जुलाई के प्रथम सप्ताह तक का समय सबसे उपयुक्त है बोने के समय अच्छे अंकुरण हेतु भूमि में 10 सेमी गहराई तक उपयुक्त नमी होना चाहिए। जुलाई के प्रथम सप्ताह के पश्चात बोनी की बीज दर 5- 10 प्रतिशत बढ़ा देनी चाहिए। सोयाबीन की बोनी कतारों में करना चाहिए। कतारों की दूरी 30 सेमी. ‘’ बोनी किस्मों के लिए ‘’ तथा 45 सेमी. बड़ी किस्मों के लिए उपयुक्त है। बीज 2.5 से 3 सेमी. गहराई तक बोयें।

सोयाबीन किस्म एनआरसी 131 (soybean variety NRC 131) फसल का औसत उपज 15 क्विंटल/हेक्टेयर तक होता है, एक अच्छी पैदावार के लिए ये बहुत अच्छा साबित होता है। 93 दिनों में आपकी फसल तैयार हो जाती है।

खरपतवार प्रबंधन :- फसल के प्रारम्भिक 30 से 40 दिनों तक खरपतवार नियंत्रण बहुत आवश्यक होता है। बतर आने पर डोरा या कुल्फा चलाकर खरपतवार नियंत्रण करें व दूसरी निंदाई अंकुरण होने के 30 और 45 दिन बाद करें। 15 से 20 दिन की खड़ी फसल में घांस कुल के खरपतवारो को नष्ट करने के लिए क्यूजेलेफोप इथाइल एक लीटर प्रति हेक्टर अथवा घांस कुल और कुछ चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए इमेजेथाफायर 750 मिली. ली. लीटर प्रति हेक्टर की दर से छिड़काव की अनुशंसा है। 

सिंचाई :- खरीफ मौसम की फसल होने के कारण सामान्यत: सोयाबीन को सिंचाई की आवश्यकता नही होती है। फलियों में दाना भरते समय अर्थात सितंबर माह में यदि खेत में नमी पर्याप्त न हो तो आवश्यकतानुसार दो या तीन हल्की सिंचाई करना सोयाबीन के विपुल उत्पादन लेने हेतु लाभदायक है। हमारे एक्सपर्ट के अनुसार ये खेती (राज्य): मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान में की जा सकती है।

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