अब इन फूलों की सुगंध से फसलों को बचाएं
अब इन फूलों की सुगंध से फसलों को बचाएं
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अब फूलों की सुगंध के माध्यम से कीटनाशकों के उपयोग के बिना फसलों को खतरनाक बीमारी से आसानी से बचाया जा सकता है। आप पढ़ने में विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन यह सबसे वास्तविक चीज है। यह काम हरियाणा के हिसार में शुरू हो गया है। दरअसल, गैस मैथोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल करके फूलों के तीरंदाजों की मदद से फसलों को कीटनाशकों से बचाने का काम किया जा रहा है। फसलों को इस तरह से कई फायदे होते हैं, पहला फायदा यह है कि फसलों की पैदावार बढ़ती है, तो दूसरा फायदा यह है कि कोई भी कीटनाशक नहीं डालना पड़ता है, जिससे पैसे और स्वास्थ्य की बचत होती है। कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है। इस बारे में सभी जानकारी स्पेन के संस्थान ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के प्रोफेसर मरकोस इजी कोरटिन्स ने दी है।

 

महत्वपूर्ण शोध किया

प्रोफेसर मरकोस इजी कोरटिन्स ने बताया कि उन्होंने स्नैप ड्रैगन और पिटुनिया पौधों पर गहन शोध किया है। इस पर उन्होंने 2011 में काम शुरू किया और 2017 तक अपना शोध पूरा किया। उन्होंने अपने शोध को पूरा करते हुए पाया कि ये सभी पौधे पेटल्स एलीमेंट में पाए जाते हैं जो फसलों में लगने वाले कीटों को आकर्षित करते हैं। इन सभी पौधों के फूलों में एक विशेष प्रकार की सुगंध होती है, जो पतंग के कीड़ों को तेजी से आकर्षित करने का काम करती है, जिसके कारण सभी कीट इन पौधों पर ही बैठे रहते हैं। इस तरह फसलों को विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सकता है।

 

विभिन्न फसलों के बीज लगा सकते हैं

स्नैप ड्रैगन और पिटूनिया के पौधे गेहूं, चावल, ज्वार, बाजार, कपास आदि में आसानी से लगाए जा सकते हैं। कीट पतंगे इन पौधों की खुशबू से इन पौधों पर बैठ जाते हैं, और हम बिना किसी कीटनाशक का उपयोग किए फसलों को बीमारियों से बचा सकते हैं। यह तकनीक काफी प्रभावी है।

 

कीटनाशकों के बिना बेहतर फसल की पैदावार

प्रोफेसर मार्कोस का कहना है कि इस तरह के शोध में पौधों को चरण-दर-चरण आधार के बीच में लगाया गया है, जिसमें कोई पेस्टिसाइड नहीं डाला जाता है, जबकि दूसरी जगह गेंहू पर इसका प्रयोग हुआ है। दोनों के परिणामों की तुलना आपस में की गई है तो यह बात समाने आई कि जिस फसल में कीटनाशक न डाला गया वह भी अच्छी तरह की फसलों की किस्म को प्रदान कर रही है।