गणतंत्र दिवस की परेड में "खेती की झांकी" ने राजपथ पर झटका पहला पुरस्कार
गणतंत्र दिवस की परेड में
Android-app-on-Google-Play

 

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ से निकाली गई झांकियों में खेती की झांकी ने पहला पुरस्कार पा लिया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को अपनी झांकी 'किसान गांधी' के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक समारोह में पुरस्कृत किया। खेती की इस झांकी में ग्रामीण समृद्धि के लिए दूध उत्पादन, स्वदेशी नस्लों और पशुधन पर आधारित जैविक कृषि के महत्व को प्रदर्शित किया गया। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इसके लिए आईसीएआर को बधाई दी है।

 

आईसीएआर की झांकी 'किसान गांधी' में गांधीवादी दर्शन को दर्शाया गया था। गांधी हमेशा स्वदेशी नस्लों की गाय और बकरियों के दूध को प्राथमिकता देते रहे। गांधी के इन्हीं सपनों को साकार करने के लिए आईसीएआर हमेशा किसानों की आजीविका सुरक्षा और उच्च आय सुनिश्चित करने पर जोर देता रहा है। दुनिया में सर्वाधिक दूध और कपास का उत्पादक बना हुआ है। अत्याधुनिक विज्ञान व प्रौद्योगिकी को विकसित कर भारतीय खाद्य सुरक्षा को महफूज बनाया है।

 

राजपथ की झांकी में बापू को बकरियों और एक गाय के साथ दिखाया गया था। जैविक कृषि, कपास और दुग्ध क्रांति के साथ पौष्टिक खाद्य सुरक्षा पर जोर दिया गया था। कस्तूरबा गांधी को भी बापू कुटी में चरखा और जानवरों की देखभाल करते हुए दिखाया गया था। यह पशुधन आधारित दीर्घकालिक और जलवायु प्रतिरोध क्षमता वाली कृषि की प्रतीक है। 70वें गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान राजपथ पर निकाली गई कुल 22 झांकियों में 16 राज्यों व विभिन्न केंद्र शासित प्रदेशों की थी। जबकि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की छह झांकियां शामिल की गई थी। आईसीएआर की झांकी वर्ष 2018 में भी शामिल की गई थी, जिसमें मिश्रित खेती-खुशियों की खेती को विषय बनाया गया था। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद आईसीएआर को दूसरे साल भी झांकी को चुना गया था।