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Chawla Phali/Lobia/Cowpea (चवला फली/कावेरी/लोबिया)

Basic Info

लोबिया (चवला फली) मुख्यत: एक दलहनी फसल हैं। दलहनी खेती के तहत लोबिया की फसल आती है। यह प्रोटीन, शर्करा, वसा, विटामिन व खनिज से भरपूर होती है। लोबिया की खेती दाल, सब्जी, हरी खाद और चारे के लिए पुरे भारत में की जाती है| यह अफ्रीकी मूल की फसल है| लोबिया की खेती सूखे को सहन करने और जल्दी पकने वाली फसल है| यह मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है| भारत में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश,कर्नाटक, तमिलनाडु,  केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान इसके मुख्य उत्पादक राज्य है|

Frequently Asked Questions

Q1: लोबिया (चवला फली) की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु कौन सी है?

Ans:

आप जानते है लोबिया की खेती के लिए गर्म व आर्द्र जलवायु उपयुक्त हे। तापमान 24-27 डिग्री से. के बीच ठीक रहता है । अधिक ठंडे मौसम में पौधों की बढ़वार रुक जाती है।

Q3: लोबिया (चवला फली) की खेती में उर्वरक कितनी मात्रा में डालें?

Ans:

लोबिया की खेती के लिए गोबर या खाद की 20-25 टन मात्रा बुवाई से 1 महीने पहले खेत में डाल दें। लोबिया एक दलहनी फसल है इसलिए नत्रजन की 20 कि.ग्रा. और पोटाश 50 कि.ग्रा. /हेक्टेयर खेत में अंतिम जुलाई के समय मिट्टी में मिला देना चाहिए और 20 कि.ग्रा. नत्रजन की मात्रा फसल में फूल आने पर प्रयोग करें।

Q2: लोबिया (चवला फली) क्या है?

Ans:

लोबिया एक पौधा है जिसकी फलियाँ पतली, लम्बी होती हैं। इनकी सब्ज़ी बनती है। इस पौधे को हरी खाद बनाने के लिये भी प्रयोग में लाया जाता है। लोबिया एक प्रकार का बोड़ा है। इसे 'चौला' या 'चौरा' भी कहते हैं।

Q4: क्या लोबिया के बीज से मानव स्वास्थ्य के फायदेमंद है?

Ans:

लोबिया के बीज प्रोटीन और कैलोरी, साथ ही साथ खनिज और विटामिन का एक समृद्ध स्रोत प्रदान करते हैं। एक बीज में 25% प्रोटीन हो सकता है और इसमें वसा की मात्रा कम होती है। लोबिया स्टार्च अनाज से स्टार्च की तुलना में अधिक धीरे-धीरे पच जाता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद है।