kisan

Plum (बेर)

Basic Info

बेर भारत व चीन का प्राचीन लोकप्रिय फल है। बेर, जिसे गरीबों का फल भी कहा जाता है, की खेती आमतौर पर शुष्क इलाकों में की जाती है। इसमें विटामिन ‘सी’ तथा ‘ए’ प्रचुर मात्र में होते हैं| विटामिनों के अलावा बेर में कैल्शियम, फ़ॉस्फ़रस तथा आयरन आदि खनिज लवण भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं| इसकी खेती मुख्य तौर पर मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राज्यस्थान, गुजरात, महांराष्ट्र, तामिलनाडू और आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है| बेर हमारे लिए एक बहुपयोगी और पोषक फल है|

Frequently Asked Questions

Q1: बेर के पेड़ से फल लगने में कितना समय लगता है?

Ans:

आप जानते है फलों को सेट करने के लिए पेड़ों को क्रॉस-परागण की आवश्यकता होती है, इसलिए आपको दो या अधिक संगत किस्मों को लगाने की आवश्यकता होती है। पेड़ आमतौर पर रोपण के चार से छह साल बाद फल देना शुरू करते हैं। अच्छी उपज देने के लिए प्लम के लिए सर्द, छंटाई और सही जलवायु की भी आवश्यकता होती है।

Q3: बेर के पेड़ की अच्छी वृद्धि के क्या क्या जरुरी है?

Ans:

आप जानते है बेर के पेड़ की अच्छी वृद्धि में सूर्य का प्रकाश महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समय पर सिचाई और कार्बनिक खाद भी पेड़ की वृद्धि में जरुरी होते है।

Q2: बेर के पेड़ों को पानी की आवश्यकता कितनी होती है?

Ans:

आप जानते है बेर के पेड़ों को सतह से नीचे 24 इंच तक नम होना चाहिए। इस गहराई तक नमी बनाए रखने के लिए आपको अपने पेड़ को पर्याप्त पानी देना चाहिए। गर्मियों में, पेड़ को स्वस्थ रखने के लिए हर 14 से 21 दिनों में सिंचाई करना अतिआवश्यक है।

Q4: बेर की खेती के लिए नर्सरी कैसे तैयार करें?

Ans:

बेर की खेती के लिए बीजों को 17 से 18 प्रतिशत नमक के घोल में 24 घंटों के लिए भिगो कर रखें, फिर अप्रैल के महीने नर्सरी में बिजाई करें पंक्ति से पंक्ति का फासला 15 से 20 सैंटीमीटर और पौधे से पौधे का फासला 30 सैंटीमीटर होना चाहिए। 3 से 4 सप्ताह बाद बीज अंकुरन होना शुरू हो जाता है और पौधा अगस्त महीने में कलम लगाने के लिए तैयार हो जाता है।