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Bahera (बहेड़ा)

Basic Info

बहेड़ा एक विशाल पर्णपाती वृक्ष की प्रजाति है, जिसका मुख्य तना सीधा तथा छाल मोटी तथा गहरे भूरे रंग की होती है। बहेड़ा का वानस्पतिक नाम टर्मिनेलिया बेलेरिका (Terminalea bellerica) है। यह वनस्पति आमतौर से उत्तर भारत के पर्णपाती वनों में पायी जाती है। यह पतझड़ वाला वृक्ष है और जिसकी औसतन ऊंचाई 30 मीटर होती है। इसकी छाल भूरे सलेटी रंग का होता है। इसके पत्ते अंडाकार और 10-12 सैं.मी. लंबे होते हैं। इसके फल अंडाकार और बीज स्वाद में मीठे होते हैं। भारत में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महांराष्ट्र और पंजाब मुख्य बहेड़ा उगाने वाले क्षेत्र हैं।
बहेड़ा को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे -हल्ला, बहेड़ा, फिनास, भैरा, बहेरा।
बहेड़ा के औषधीय गुण
औषधीय गुण वृक्ष के फल तथा छाल में पाये जाते हैं। सूखा पका फल रक्त स्राव को रोकने तथा विरेचक के रूप में प्रभावी होता है। फल को बवासीर, जलोदर, अतिसार, कोढ़, बदहजमी तथा सरदर्द में दिया जाता है। अधपके फल को विरेचक तथा पूर्णरूप से पके फल को रूधिर स्राव के उपचार में दिया जाता है।

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