kisan

Sadabahar (सदाबहार)

Basic Info

सदाबहार एक महत्वपूर्ण औषधीय और बहुवर्षीय पौधा है जिसके संपूर्ण भाग का उपयोग विभिन्न प्रकार के रोगो के इलाज में किया जाता है। इसे समान्यत: बगीचों और छायादार स्थानों में लगाया जा सकता है। इसे अग्रेंजी मे अनेक नामों जैसे केप पेरिविंकल और रोज पेरिविंकल के नाम से जाना जाता है। सदाबहार एक सदाबहार शाकीय पौधा है। यह आसानी से बढ़ने वाली और फैलने वाली बारहमासी जड़ी – बूटी है। इसकी पत्तियाँ हरी, चमकीली और जोड़े में एक दूसरे के विपरीत होती है।पत्तियाँ सरल, अण्डाकार 2.5 से 3 से.मी. लंबी, 1 से 3.5 चौड़ी और एक छोटे डंठल के साथ होती है। फूल में आधारीय दलपुंज 2.5 से 3 से.मी. लंबे होते है। फल जोड़े में 2-4 से.मी. लंबे और 3 मिमी चौड़े होते है। फल परिपक्व होने पर फट जाते है। यह 3 फुट तक की ऊचाँई तक उगता है। इसका मूल स्थान मैड़ागैसकर है और इसकी फसल पूरे भारत मै उगाई जाती है।
सदाबहार का औषधीय उपयोग
मधुमेह, उच्च रक्तचाप, जुकाम, आखों की जलन और सक्रंमण जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यह मांसपेशियों, केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र का दर्द कम करने में मदद करता है। यह नकसीर, मसूडों से खून आना, मुँह के छाले और पीड़ादायक गले के इलाज में प्रयोग होता है। आंतरिक रूप से भी इसका प्रयोग दस्त, आंतशोध और रक्त में शर्करा के उच्च स्तर में करते है।

No FAQ !