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Rapeseed (रेपसीड/कैनोला)

Basic Info

रेपसीड (केनोला) भारत की प्रमुख फसलों में से एक है, इनके बीजों का उपयोग खाद्य तेल के उत्पादन में होता है जो मानव उपभोग के लिए अनुकूल होता है क्योंकि इसमें पारंपरिक रेपसीड तेलों की तुलना में इरुसिक एसिड की मात्रा कम होती है, साथ ही इसका इस्तेमाल मवेशियों का चारा तैयार करने में भी होता है। दुनिया के कुल उत्पादन में 12 प्रतिशत के साथ चीन और कनाडा के बाद भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा रेपसीड-सरसों उत्पादक है। भारत क्रमशः क्षेत्र और उत्पादन में द्वितीय और तृतीय श्रेणी के साथ दुनिया की रेपसीड-सरसों अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख स्थान रखता है। रेपसीड उगाने के लिए 75 से.मी. से 150 से.मी. तक की वर्षा की आवश्यकता होती है, रेपसीड बोते तथा काटते समय 20 डिग्री सेल्शियस तापमान होना चाहिए। दोमट मिट्टी को रेपसीड की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब तथा असम रेपसीड के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।

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