मक्का की उन्नत खेती के लिए कुछ आवश्यक बातें

मक्का की उन्नत खेती के लिए कुछ आवश्यक बातें
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Kisaan Helpline

Agriculture May 17, 2019
मक्का की खेती मध्य प्रदेश की मुख्य फसल है, इसकी खेती मुख्य रूप से प्रदेश के झाबुआ, मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, शिवपुरी, सीधी, मंडला, छिंदवाड़ा जिलों में की जाती है।  विश्व में मुख्य खाद्यान फसलों में गेहू एवं धन के बाद तीसरी मुख्य फसल के रूप में मक्का का नाम सबसे आगे आता है। इसका मुख्य कारन है की इसकी उत्पादन क्षमता गेहू एवं धन से 25 प्रतिशत तक अधिक है।  

भूमि का चयन एवं भूमि की तैयारी 

मक्का की खेती के लिओए पर्याप्त जीवांश वाली दोमट अच्छे निकास वाली भूमि होनी चाहिए।  अधिक रेतीली एवं भारी भूमि नहीं होनी चाहिए। मक्का की बोवनी हेतु 2 -3 बार जुताई के पूर्व 20 किलो प्रति हैक्टेयर फ़ोलिडोल - 3 प्रतिशत /पैराथियन डस्ट डालना चाहिए।  अगर उपलब्ध हो तो लगभग 5 से 10 टन गोबर की खाद डालने से उत्पादन में वृद्धि होती है।  

बीजोपचार 

बीजो की अंकुरण क्षमता बढ़ जाती है एवं बीज जनित फफूंदजन्य बिमारिओ से सुरक्षा होती है। बीमारी के बचाव हेतु कार्बेंडाजिम 1 ग्राम एवं थायरम 2 ग्राम /कि.ग्रा बीज अथवा वीटोवेक्स पावर 1 ग्राम /कि। ग्रा की दर से उपचार करे।  

जैव उर्वरक का उपयोग 

ये पौधो को पोषक तत्व उपलब्ध  करने का कार्य करते है। 3 कि /ग्रा पि.एस.बी एवं 3 की/ग्रा एजोटोबेक्टर  लगभग 100 -150 कि.ग्रा गोबर में खाद मिलाकर बुवाई के पहले छिड़काव करने से अच्छे परिणाम मिलते है। 

बीज दर 

छोटे - बड़े दानो के अनुसार बीज की मात्रा अधिक कम होती है। सामान्यतः 15 से 20 किलो बीज प्रति हेक्टेयर उपर्युक्त होता है।  मध्य प्रदेश के लिए संकर क़िस्म निम्नानुसार है -
शीघ्र पकने वाली : (अवधि 85 से कम )औसत उत्पादन क्षमता 40 से 50 क्विंटल /हैक्टेयर : डी. एच्.एम -107 और 109, पि.ई.एच्.एम 1, पि.ई.एच्.एम 2 प्रकाश, पि.एम.एच.- 5, प्रो 368, एक्स - 3342, बायो - 9637. के - एच.-5991, डी.के.सी.- 7074, जे.के.एम.एच.- 175. 

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