हानिकारक कीटों को मारने के लिए अपनाये ये देशी तरीके
हानिकारक कीटों को मारने के लिए अपनाये ये देशी तरीके
Android-app-on-Google-Play

नीम के उत्पाद 

नीम भारतीय मूल का पौधा है जिसे समूल की वेद के रूप में मान्यता प्राप्त है इससे मनुष्य के लिए उपयोगी औषधियां  तैयार की जाती है तथा इसके उत्पाद से आप फसल संरक्षण के लिए उपयोग में भी ला सकते हैं नीम पत्ती का घोल नीम की 10 से 12 किलो पत्तियां 200 लीटर पानी में 4 दिन तक भिगोयेें पानी हरा पीला होने पर इसे छानकर एक एकड़ फसल पर छिड़काव करे। ऐसा करने से इस विधि के द्वारा इल्ली की रोकथाम होती है इस औषधि की तीव्रता और गुणवत्ता बढ़ाने हेतु धतूरा, तंबाकू आदि के पत्तों को मिलाकर काड़ा बनाने से औषधि की तीव्रता बड़ जाती हेै और यह दवा कई प्रकार के कीड़ों को नष्ट करने में उपयोगी सिद्ध है, इसके उपयोग से काफी तेज़ गति से कीटो और अन्य नुकसान पहुचाने वाले मकड़ियों को समाप्त किया जा सकता है। नीम की निंबोली 2 किलो लेकर आप उसे महीन पीस लें इसमें 2 लीटर ताजा गौमूत्र मिला लें इसमें 10 किलो छाछ मिलाकर 4 दिन रखें और 200 लीटर पानी में मिलाकर खेतों में फसल पर छिड़कें 

दीमक नियंत्रण के देशी उपाय

मक्का के भुट्टे से दाना निकलने के बाद, जो गिंडियां बचती है, उन्हे एक मिट्टी के घड़े में इकट्ठा करके घड़े को खेत में इस प्रकार  गाढ़े की घड़े का मुंह जमीन से कुछ बाहर निकला हो। घड़े के ऊपर कपड़ा बांध दें तथा उसमें पानी भर दें। 

कुछ दिनों में ही आप देखेंगे कि घड़े में दीमक भर गई है। इसके उपरांत घड़े को बाहर निकालकर गरम कर लें ताकि दीमक समाप्त हो जावे। इस प्रकार के घड़े को खेत में 100-100 मीटर की दूरी पर गढ़ाएं तथा करीब 5 बार गिंडियां बदलकर यह क्रिया दोहराएं। खेत में दीमक समाप्त हो जायेेगी। सुपारी के आकार की हींग एक कपड़े में लपेटकर तथा पत्थर में बांधकर खेत की ओर बहने वाली पानी की नाली में रख दें। उससे दीमक तथा उगरा रोग नष्ट हो जायेगा।