मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर, गेहूं की खरीद पर बोनस का ऐलान, प्रति क्विंटल 125 रुपये मिलेगा बोनस
मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खबर, गेहूं की खरीद पर बोनस का ऐलान, प्रति क्विंटल 125 रुपये मिलेगा बोनस
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मध्य प्रदेश सरकार गेहूं खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस किसानों को देगी। साथ ही खाद्यान्न उपार्जन सहित अन्य कामों के लिए 30,000 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।

किसान मित्रों, मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब यहां के किसानों को गेहूं का अधिक दाम मिलेगा। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने गेहूं पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस का ऐलान किया है। अब तक किसानों को गेहूं की कीमत 2275 रुपये की दर से मिलती रही है। लेकिन बोनस जुड़ते ही गेहूं की कीमत 2400 रुपये हो गई। इसका मतलब है कि इस साल किसानों को गेहूं की कीमत 2400 रुपये मिलेगी।

मध्य प्रदेश सरकार ने आज कई फैसले लिए, जिनमें गेहूं की एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस देने का फैसला भी शामिल है। इस फैसले में कहा गया है कि गेहूं की मौजूदा एमएसपी 2,275 रुपये में 125 रुपये का बोनस जोड़ा जाएगा। इस तरह किसानों के खाते में प्रति क्विंटल 2400 रुपये आएंगे। गेहूं उत्पादकों के लिए यह बहुत अच्छी खबर है।

इससे पहले अन्य सरकारें भी बोनस की घोषणा कर चुकी हैं। इस प्रकार का बोनस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में दिया जाता है। इसी तरह यूपी सरकार ने गेहूं खरीद की रफ्तार बढ़ाने का फैसला किया है। राजस्थान सरकार ने हाल ही में इसकी घोषणा की। राजस्थान में एमएसपी में पिछले साल के मुकाबले 150 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इस साल गेहूं का एमएसपी 2,275 रुपये है, इसलिए राजस्थान सरकार 125 रुपये का बोनस दे रही है। इसलिए, राजस्थान में गेहूं 2400 रुपये के भाव पर खरीदा जाता है।

MP सरकार का बड़ा फैसला

पीएम श्री एयर एम्बुलेंस योजना के तहत एक हेलीकॉप्टर और एक विमान का संचालन किया जाएगा। आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पताल तक मुफ्त पहुंचाया जाएगा। मरीज के संबंध में कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी निर्णय लेंगे। एक और बड़े फैसले में सरकार ने बैगा, सहरिया और भारिया जैसी बेहद पिछड़ी जनजातियों के घरों तक बिजली पहुंचाने का फैसला किया है. यदि ऐसी जनजातियों के लोग जंगलों में रह रहे हैं तो उनके घरों में सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

अक्सर देखा जाता था कि गरीब लोग अपने प्रियजनों के शवों को अस्पताल से साइकिल और ठेलों पर ले जाते थे। इस समस्या के समाधान के लिए कैबिनेट ने निर्णय लिया कि हर जिला अस्पताल में एक शव परिवहन वाहन होगा। शव ले जाने के लिए निःशुल्क शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर एवं सीएमओ को अधिकृत किया गया है।