किसान भाई फसल अवशेषों का प्रयोग करें पलवार के रूप में, और खरपतवारों की करें रोकथाम
किसान भाई फसल अवशेषों का प्रयोग करें पलवार के रूप में, और खरपतवारों की करें रोकथाम
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जैसा की आप जानते है फसल अवशेषों का प्रयोग खाली पड़ी भूमि या फसल दोनों में पलवार के रूप किया जा सकता है। खड़ी फसल में फसल अवशेषों का उपयोग उस समय पर किया जाता है, जब पौधों की ऊंचाई लगभग 8-10 सें.मी हो जाए। पौधों के अवशेष समान रूप से फसल की पंक्तियों के बीच बिछा देने चाहिए। इस क्रिया में 4 टन भूसा प्रति हैक्टर काफी होता है। धान, गेहूं, जौ, ज्वार, बाजरा आदि का भूसा तथा मक्का, अरहर, नारियल व केले की सूखी पत्तियां, सूखी घास आदि को फसल की पंक्तियों के बीच बिछाकर पलवार के रूप में फसल अवशेषों का उपयोग कर सकते हैं।


पलवार के लाभ
  • पलवार के रूप में फसल अवशेषों के प्रयोग से मृदा व फसल से पानी का वाष्प बनकर उड़ने वाले पानी के नुकसान को रोका जा सकता है। 
  • खरपतवारों की रोकथाम की जा सकती है तथा मृदा तापमान भी नियंत्रित किया जा सकता है। 
  • फसल अवशेषों का पलवार के रूप प्रयोग करने से सूर्य की तेज रोशनी भी सीधे मृदा के सम्पर्क में नहीं आ पाती है, मृदा नमी का ह्रास कम होता है एवं मृदा तापमान कम होता है। इससे फसल के पौधे आसानी से उग सकते हैं तथा मृदा की जल क्षमता भी बढ़ती है।