गेहूं की अधिक उपज देने वाली बौनी किस्मों व अन्य उन्नतशील किस्मों का विवरण
गेहूं की अधिक उपज देने वाली बौनी किस्मों व अन्य उन्नतशील किस्मों का विवरण
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Wheat Farming: गेहूँ की अधिकतम पैदावार के लिये बलुई दोमट, अच्छी उर्वरा व जलधारण क्षमतायुक्त मिट्टी वाले सिंचित क्षेत्र उपयुक्त हैं। गेहूँ की अधिक उपज देने वाली बौनी किस्मों व अन्य उन्नत किस्मों से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिये उन्नत विधियों का विवरण यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है।
 
उपयुक्त किस्मों का विवरण (Description of suitable varieties of wheat)

एम.पी. - 3288 (2011) : यह अधिक तापमान सहने वाली किस्म हैं जो कि 115-120 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं। इसका औसत उत्पादन 45-50 क्विं./हेक्टर होता हैं। यह किस्म सामान्य एवं देर से बुवाई दोनो ही परिस्थितियों के लिए उपयुक्त पाई गई हैं। यह किस्म गेहूँ के मुख्य रोगों से प्रतिरोधी पाई गई हैं।

राज-4120 (2008) : सिंचित क्षेत्रों में समय पर बुवाई के लिये उच्च उत्पादन देने वाली यह किस्म 115-119 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म सभी प्रकार के रोगों के लिए प्रतिरोधी है एवं इसके दाने पकने पर बिखरते नहीं हैं। इसकी औसत उपज 47 क्विंटल प्रति हैक्टेयर हैं।

एच.आई. 8713 (2012) : समय पर बोई जाने वाली काठिया गेहूँ की यह किस्म पर्याप्त सिंचाई एवं उर्वरता वाले क्षेत्रों के लिये उपयुक्त है। इसकी औसत उपज 50-55 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है। यह किस्म 118 दिन में पककर तैयार होने एवं उच्च गुणवत्ता वाली किस्म है। यह किस्म चपाती एवं दलिया दोनों ही के लिये उपयुक्त है।

एच.आई. 8663 (पोषण) (2007) : उच्च गुणवत्ता वाली काठिया गेहूँ की यह किस्म उच्च तापमान के प्रति सहनशील है। इसकी औसत उपज 55-60 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होती है। यह किस्म 115-118 दिन में पककर तैयार हो जाती है। समय पर बुवाई करने पर यह किस्म उच्च उत्पादन देती है। सामान्यतः यह किस्म सभी रोगों के लिए प्रतिरोधी है। इस किस्म के दानों में लोह तत्व एवं बीटा केरोटीन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है।

राज 4079 (2010) : यह उच्च तापमान सहने वाली एक उत्तम किस्म है और 50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर तक औसत उपज देती है। यह किस्म 110-115 दिन में पककर तैयार हो जाती है। 

डी. बी. डब्ल्यु - 110 (2015) : यह गेहूँ की समय पर बुवाई वाली किस्म है। इसका दाना गेहूए रंग का होता है। इसकी औसत उपज 45-50 क्विं. /हैक्टेयर है। यह गेहूँ की अधिक उपज देने वाली किस्म है तथा कम पानी, सिचांई वाले क्षेत्रो के लिए उपयुक्त पाई गई है। 

राज 4238 (2013) : यह सिंचित एवं देर से बुवाई वाले क्षेत्रों के लिये उपयुक्त किस्म है। इसका औसत उत्पादन 47 क्विंटल प्रति हैक्टेयर होता है। यह किस्म पकने में 110-115 दिन लेती है।

राज 3777 (2005) : देरी से बुवाई के लिए उपयुक्त यह किस्म 110-115 दिन में पक कर 30-40 क्विंटल प्रति हैक्टर उपज देती है। करनाल बंट प्रतिरोधक इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 100-110 से.मी. एवं 1000 दानों का वजन 40-42 ग्राम होता है।

राज. - 4037 (2004) : यह मध्यम ऊँचाई की जल्दी पकने वाली किस्म है। इसका दाना कठोर एवं चमकीला होता है। समय पर बुवाई करने पर इसकी उपज 45-50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर प्राप्त होती है। यह किस्म गेरूआ रोग से प्रतिरोधी है।

एच.डी.-2864 : ऊर्जा (2004) : यह एक उन्नत किस्म हैं जो कि सिंचित क्षेत्रों में देर से बुवाई हेतु सर्वाधिक उपयुक्त है। इस किस्म कि औसत उपज 4500 किलो प्रति हैक्टर होती है एवं 100-106 दिन में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म बिमारीयों के प्रति प्रतिरोधी है एवं उच्च तापमान को सहन करने कि क्षमता रखती है। इसमें प्रोटिन 12.7 प्रतिशत तक पाया जाता है।

राज-4079 (2012) : समय पर बोई जाने वाली सिंचित क्षेत्र हेतु यह किस्म कम अवधि में पककर तैयार हो जाती है। इसके 1000 दानों का वजन 42 ग्राम होता है तथा इसकी उपज 45-50 क्विं / हे. है।

एच. आई. 8498 (1999) : काठिया गेहूँ की काली व भूरी रोली प्रतिरोधी, सामान्य समय पर बोई जाने वाली यह किस्म पर्याप्त सिंचाई एवं उर्वरता वाले क्षेत्रों हेतु उपयुक्त है। 110-115 दिन में पककर यह 45-50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उपज देती है। इसके 1000 दानों का वजन 50 ग्राम होता है। 

लोक 1 (1982) : द्विजीन बोनी, 85-90 सेंटीमीटर ऊँची यह किस्म 100-110 दिनों में पककर 40-45 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उपज देती है। इसके दाने सख्त व सुनहरी आभा वाले होते हैं। 1000 दानों का वजन 45-55 ग्राम होता है। जल्दी पकने के कारण इस किस्म की उपज सामान्य व पिछेती दोनों बुवाई की परिस्थितियों में अच्छी होती है।

राज-3077 (1989) : यह बोनी किस्म 115-118 सेंटीमीटर ऊंची, अधिक फुटान वाली रोली रोधक किस्म है। मजबूत व मोटे तने कारण यह किस्म आड़ी नहीं गिरती दाने शरबती आभायुक्त सख्त व मध्यम आकार के होते हैं। सामान्य एवं पिछेती बुवाई के लिये उपयुक्त होना इसकी विशेषता है। इसके अतिरिक्त साधारण लवणीय भूमि में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। इसकी उपज 40-60 क्विंटल प्रति हैक्टेयर एवं इसके 1000 दानों का वजन 40 ग्राम होता है। पकने की अवधि 100-105 दिन है। 

राज - 4220 (2009) : समय पर बोई जाने वाली मध्यम अवधि यह किस्म सिंचिंत क्षेत्र में बोने हेतु उपयुक्त है। इसकी उपज 47.5 क्विटल प्रति हैक्टेयर है। रोली रोग हेतु प्रतिरोधी है। इसके 1000 दानो का वजन 40 ग्राम है।

राज-3765 (1996) : द्विजीन बौनी, अधिक फुटान वाली रोली प्रतिरोधक क्षमता युक्त यह किस्म पिछेती बुवाई के लिये उपयुक्त है। इसका तना मजबूत होने के कारण यह आड़ी नहीं गिरती है। पत्तियाँ हरे रंग की होती है। इसकी बुवाई दिसम्बर के तीसरे सप्ताह तक की जा सकती है। दाने शरबती चमकीले आभा लिये सख्त व बड़े आकार के होते हैं। 110-120 दिन की पकाव अवधि वाली यह किस्म 85-90 सेंटीमीटर ऊंची होती है। बालियाँ पकने पर सफेद व सुनहरी मोटे दाने आभायुक्त होते हैं। उपज क्षमता 40-50 क्विंटल प्रति हैक्टेयर एवं 1000 दानों का वजन 40 ग्राम होता है। इसमें अधिक गर्मी तथा सभी प्रकार के जैविक व अजैविक अवरोधों को सहने की क्षमता है।

एच. आई. - 1500 (2003) : काठियों गेहूँ की यह एक जल्दी पकने वाली किरम है। यह किस्म बारानी एवं कम सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिये उपयुक्त पाई गई है। यह किस्म बारानी क्षेत्रों में 10-15 क्विंटल प्रति हैक्टेयर एवं सीमित सिंचित क्षेत्रों में 20-25 क्विंटल प्रति हैक्टेयर उपज देती है। इसके पौधों की ऊँचाई मध्यम तथा 1000 दानों का वजन 35-40 ग्राम होता है।

एच.आई. 1544 (2007) : यह एक जल्दी पकने वाली किस्म हैं जो कि 115-118 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसका दाना चमकीला एवं बड़ा होता है यह किस्म गेरूआ के लिए प्रतिरोधी है। इसकी औसत उपज 40 से 45 क्वि. / हैक्टेयर होती है। यह सामान्य बुवाई हेतु सर्वाधिक उपयुक्त हैं।

एच.डी. 2932 (2007) : यह उच्च उत्पादन देने वाली किस्म है। इसकी उपज 4200 किलो/ हैक्टेयर होती है। यह किस्म देर से बुवाई हेतु उपयुक्त है। इस किस्म रोली (पती एवं तना) से प्रतिरोधी पायी गयी है। मालव किर्ती (एच.आई.-8627 (2007) : यह काठिया गेहूँ उच्च उत्पादन वाली किस्म है जोकि सीमित सिंचाई हेतु उपयुक्त है।

गेहूँ की किस्में एवं बुवाई
  • बुवाई की स्थिति :- सामान्य बुबाई
  • किस्म :- लोक-1, राज-1555, राज-3077. जी.डब्ल्यू. 190, जी.डब्ल्यू-322, एच.आई.- 8498, एच.आई.-1544, राज-4037, राज-4037, लोक-1
  • बुवाई का समय :- नवम्बर के द्वितीय द्वितीय सप्ताह से अंतिम सप्ताह तक
  • बीज दर (किलो/हे.) :- 150-175
  • बुवाई की स्थिति :- देर से बुवाई सिंचित 
  • किस्म :- राज-3765, राज-3077, जी.डब्ल्यू- 173, जी.डब्ल्यू- 273, एच.डी.- 2864, राज--3777
  • बुवाई का समय :- दिसम्बर के तीसरे सप्ताह तक
  • बीज दर (किलो/हे.) :- 150-175