3 लाख हेक्टेयर रहेगा गेहूं का रकबा
3 लाख हेक्टेयर रहेगा गेहूं का रकबा
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5500 मीट्रक टन के भरोसे कैसे होगी बोवनी

अक्टूबर के पहले सप्ताह से रबी सीजन की बोवनी शुरू होना है। यूरिया और बीज की जुगत में किसान यहां-वहां भटक रहे हैं। जिले में रबी सीजन के लिए डिमांड की तुलना में सिर्फ 22 प्रतिशत यूरिया ही उपलब्ध है। यूरिया की जरूरत बोवनी के समय होती है, लेकिन उसका इंतजाम पहले से नहीं किया गया। वहीं दूसरी ओर जिस डीएपी की जरूरत फसल को डेढ़ से दो माह बाद पड़ती है उसका भंडारण पूरे सीजन के लिए पहले से कर लिया गया है।

बोवनी की तैयारी शुरू हो गई है। ऐसे समय में बोवनी के लिए बीज और यूरिया दोनों की कमी बनी हुई है। सरकारी इंतजामों में लेटलतीफी के चलते किसानों को निजी दुकानों का रुख करना पड़ रहा है। कई किसानों महंगे यूरिया और बीज खरीदना पड़ रहा है। सोसायटियों पर किसान यूरिया लेने पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। प्रशासनिक अधिकारी यूरिया जल्द जुटाने का दावा कर रहे हैं।

रबी की बोवनी के लिए रंगई के पास खेत तैयार करता हुआ किसान।

इस बार कृषि विभाग ने कम बारिश के मद्देनजर रबी की बोवनी प्रोग्राम बनाया है। जिले में कुल 4.5 लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी होना है। इसमें गेहूं का रकबा सर्वाधिक 3 लाख हेक्टेयर रखा गया है। जबकि चना और मसूर का रकबा बारिश कम होने की वजह से बढ़ाया जा रहा है। कम पानी में होने वाली चना और मसूर फसल का रकबा लगभग सवा लाख हेक्टेयर रखा है। इसमें चने की बोवनी एक लाख हेक्टेयर में और मसूर की बोवनी करीब 25 हजार हेक्टेयर में होने का अनुमान है। खरीफ में जिन दलहनी फसलों में रोग लगा था, उन खेतों में चना और मसूर की बोवनी न करने की सलाह कृषि अधिकारी दे रहे हैं।

विदिशा। बोवनी शुरू होने के दौरान मंगाई जा रहा है यूरिया। शुक्रवार को मालगोदाम पर लगी यूरिया की रेक।

जिले के लिए पूरे रबी सीजन में 25000 एमटी यूरिया की आवश्यकता होती है। इसके मुकाबले में अभी करीब 5500 एमटी यूरिया ही उपलब्ध है। जिले के लिए 3074 एमटी यूरिया की रेक लगने की बात अधिकारी कह रहे हैं। किसान 13 अक्टूबर को पितृपक्ष समाप्त होने के बाद बोवनी में जुट जाएंगे। इसके लिए अभी से किसान यूरिया और बीज का इंतजाम करने में जुटे हुए हैं, लेकिन उन्नत बीज और यूरिया की कमी से किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। दूसरी तरफ डीएपी की बात करें तो 15000 एमटी का भंडारण होना बताया जा रहा है। इतनी डीएपी पूरे सीजन के लिए पर्याप्त है।

 

मंगाया जा रहा है यूरिया

पूरे सीजन में 25 हजार एमटी यूरिया की आवश्यकता होती है। अभी 2600 एमटी यूरिया है। यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता के लिए लगातार रेक लगेंगी। विवेक तिवारी, जिला विपणन अधिकारी

इसी सप्ताह से होना है बोवनी

अक्टूबर के पहले सप्ताह से चना और मसूर की बोवनी शुरू हो जाएगी। इस साल कम बारिश की वजह से चना और मसूर का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। कुल 4.5 लाख हेक्टेयर में रबी की बोवनी होगी।

हर साल समस्या पर नहीं लेते सबक

हर साल रबी सीजन में यूरिया को लेकर संकट के हालात बनते हैं। इसके बावजूद प्रशासन पहले से यूरिया का इंतजाम नहीं करता है। यही लापरवाही इस बार भी की गई है। इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पिछले वर्ष यूरिया की किल्लत के चलते किसानों ने कई उग्र प्रदर्शन किए थे। इस साल भी यही हालात बनने के आसार हैं।

महीना डिमांड

अक्टूबर 10000

नवंबर 10000

दिसंबर 5000

कुल 25000

(मात्रा मीट्रिक टन में)

किस माह में यूरिया

की कितनी जरूरत

बीज की उपलब्धता

की यह है स्थिति

जिंस उपलब्धता

गेहूं 2300

चना 200

मसूर नहीं है

मटर नहीं है