जैसा की आप जानते है कि गर्मियों के मौसम में तरबूज की मांग बाजार में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, लेकिन गर्मी के मौसम में तरबूज की खेती करने वाले किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है फलों का फटना। यह समस्या न केवल उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है। इस समस्या को समझना और इसका समाधान निकालना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि तरबूज फटने के प्रमुख कारण क्या हैं और इससे बचाव के लिए किसान क्या कर सकते हैं।
आइये जानते है तरबूज फटने के कारण
अनियमित सिंचाई: यदि फसल को कभी अधिक पानी दिया जाता है और कभी कम, तो फल के अंदर दबाव बढ़ जाता है, जिससे तरबूज का फल फट सकता है।
पोषक तत्वों की कमी: कैल्शियम और बोरॉन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से तरबूज की बाहरी सतह कमजोर हो जाती है, जिससे वह जल्दी फट सकता है।
कीटों का प्रकोप: कुछ कीट, जैसे थ्रिप्स और इल्ली, फलों की बाहरी परत को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनका आकार बिगड़ सकता है और वे फट सकते हैं।
अचानक तापमान में बदलाव: अगर दिन में बहुत गर्मी और रात में ठंडक ज्यादा हो तो इससे भी फलों की बाहरी सतह पर दबाव पड़ता है और वे फट सकते हैं।
समाधान और बचाव के उपाय
संतुलित सिंचाई प्रणाली अपनाएं: पानी की मात्रा को संतुलित करें और जरूरत के अनुसार ही सिंचाई करें। ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीक मददगार हो सकती है।
उचित पोषक तत्वों का प्रयोग करें: खेत की मिट्टी की जांच कराएं और आवश्यकतानुसार कैल्शियम व बोरॉन का संतुलित प्रयोग करें।
कीट नियंत्रण पर ध्यान दें: कीटों की नियमित निगरानी करें और जैविक या रासायनिक उपाय अपनाकर उनकी रोकथाम करें।
मल्चिंग तकनीक अपनाएं: मिट्टी की नमी और तापमान संतुलित रखने के लिए मल्चिंग का उपयोग करें।
फसल की नियमित जांच करें: पौधों और फलों की स्थिति पर नजर रखें और किसी भी समस्या का तुरंत समाधान करें।