गेंदा फूल की उन्नत किस्मों से सालभर खेती: कम लागत में ज्यादा मुनाफा

गेंदा फूल की उन्नत किस्मों से सालभर खेती: कम लागत में ज्यादा मुनाफा
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Kisaan Helpline

Crops Aug 14, 2025

भारत में फूलों की खेती का महत्व सदियों से रहा है। मंदिरों, पूजा-पाठ, विवाह, त्यौहार और सजावट—हर जगह फूलों की मांग रहती है। गेंदा फूल इनमें खास है क्योंकि यह न केवल सुंदर दिखता है बल्कि इसकी पंखुड़ियों का उपयोग औषधीय, औद्योगिक और पशुपालन के कार्यों में भी होता है। यही कारण है कि किसान अब गेंदा फूल की खेती की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।

 

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेंदा फूल की खेती सालभर तीनों मौसम में की जा सकती है और यह कम समय में अच्छा मुनाफा देती है।

 

गेंदा फूल की खेती का सही समय

·         गर्मी की फसल: पौध रोपाई जनवरी में करें।

·         बरसात की फसल: पौध रोपाई अप्रैल-मई में करें।

·         सर्दी की फसल: पौध रोपाई अगस्त-सितंबर में करें।

 

उन्नत किस्में और उनकी विशेषताएं

पूसा बहार (अफ्रीकी गेंदा)

·         95–100 दिन में फूल आना शुरू।

·         पौध ऊंचाई: 75–85 सेमी, पीले और घने फूल।

·         जनवरी-मार्च में अधिक उत्पादन।

 

पूसा दीप (फ्रेंच गेंदा)

·         85–95 दिन में फूल।

·         उत्तरी मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।

·         गहरे भूरे रंग के फूल, ऊंचाई 55–65 सेमी।

·         अक्टूबर-नवंबर में फूल देना शुरू।

 

पूसा अर्पिता (फ्रेंच गेंदा)

·         दिसंबर-फरवरी में फूल।

·         हल्के नारंगी रंग के फूल।

 

पूसा बसंती

·         135–145 दिन में फूल।

·         मध्यम आकार के पीले फूल।

·         बगीचे और गमलों में भी उपयुक्त।

 

पूसा ऑरेंज मैरीगोल्ड

·         125–136 दिन में फूल।

·         बड़े आकार और गहरे नारंगी रंग के फूल।

·         मुर्गी पालन, औषधि और न्यूट्रास्युटिकल उद्योग में उपयोग।

·         पंखुड़ियों में कैरोटीनॉयड तत्व, अंडे की जर्दी और उत्पादन बढ़ाता है।

 

खेती के लिए जमीन और मिट्टी की तैयारी

·         गेंदा फूल की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

·         मिट्टी का pH मान 6.5–7.5 होना चाहिए।

·         खेत को 2–3 बार गहरी जुताई करके मिट्टी भुरभुरी बनाएं।

·         जुताई के समय 20–25 टन सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर मिलाएं।

 

बीज बुवाई और पौध तैयार करना

·         बीज को नर्सरी में बोकर 20–25 दिन में पौधे तैयार करें।

·         कतार से कतार की दूरी 45–60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 30–40 सेमी रखें।

·         स्वस्थ और रोगमुक्त पौध का चयन करें।

 

सिंचाई प्रबंधन

·         गर्मी में 5–6 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।

·         सर्दियों में 10–12 दिन के अंतराल पर पानी दें।

·         फूल आने के समय नमी बनाए रखें, लेकिन पानी का जमाव न हो।

 

खाद और उर्वरक प्रबंधन

·         प्रति हेक्टेयर 100–120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम फॉस्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश दें।

·         आधा नाइट्रोजन और पूरी फॉस्फोरस-पोटाश बुवाई के समय दें।

·         बाकी आधा नाइट्रोजन फूल बनने से पहले दें।

 

फूल तोड़ाई और उत्पादन

·         गेंदा फूल की तुड़ाई सुबह या शाम को करनी चाहिए।

·         1 हेक्टेयर से औसतन 100–150 क्विंटल फूल प्राप्त हो सकते हैं।

·         सही समय पर बाजार में बेचने से दाम बेहतर मिलते हैं।

 

किसानों के लिए लाभ

गेंदा फूल की खेती कम समय, कम लागत और कम देखभाल में अच्छी आमदनी देती है। साथ ही यह कई तरह के उद्योगों में उपयोग होने के कारण इसका बाजार सालभर मजबूत रहता है। सही किस्म, मौसम और खेती के तरीकों को अपनाकर किसान अपनी आय में कई गुना बढ़ोतरी कर सकते हैं।

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