kisan

Dragon fruit (ड्रैगन फ्रूट) (कमलम)

Basic Info

ड्रैगन फ्रूट (कमलम) थाइलैंड, वियतनाम, इजरायल और श्रीलंका में लोकप्रिय हैं। यह विदेशी फल ना ही सिर्फ किसानों की आमदनी को दोगुना करती है, बल्कि इसमें कई पोषक गुण भी हैं। आकर्षक दिखने के कारण इस फल की बाजार में काफी मांग हैं। भारत में इसकी खेती हाल ही में प्रचलित हुई है। इस फल का नाम ड्रेगन फ्रूट से बदल के गुजरात सरकार ने कमलम कर दिया है। कई शहरी उपभोक्ता, जो मधुमेह, कार्डियो-वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं और प्राकृतिक उपचार को प्राथमिकता देते हैं ड्रैगन फ्रूट उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है।

ड्रैगन फ्रूट के स्वाथ्य लाभ

  • ड्रैगन फ्रूट कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
  • शुगर डायबिटीज़ के रोगियों के लिए फायदेमंद है।
  • ड्रैगन फ्रूट फाइबर युक्त होता है, जो आपके शरीर में जरूरी पोषक तत्व की कमियों को पूरा करता है।
  • इसके सेवन से कार्डियोवैस्कुलर रोग (सी.वी.डी) होने का खतरा काम हो जाता है।
  • हार्ट अटैक जैसे गंभीर रोगों से बचाव करता है।
  • ड्रैगन फ्रूट में एंटीअक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
  • पोटैशियम और विटामिन सी ड्रैगन फ्रूट में प्रचुर मात्रा में होते हैं।
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का तरीका
पिछले दो से तीन दशक में जलवायु में काफी बदलाव आया है। इससे वर्षा की अनियमितता और फसल खराब होने की संभावना भी बढ़ गई है। इन सभी समस्याओं को देखते हुए, कई किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती की ओर रुख किया है। क्योंकि यह सूखे की स्थिति में या खराब मिट्टी में भी हो सकता है। ड्रैगन फ्रूट में हीलिंग के अच्छे गुण होते हैं। ड्रैगन फ्री के पौधे बाजार में 60 रु. से लेकर 200 रु. तक मिलते हैं। कीमत इस पर निर्भर करती है कि पौधा कितना पुराना है। 3 साल पुराने पौधे लगाने पर आपको उपज जल्दी मिलती है।

Seed Specification

ड्रैगन फ्रूट (कमलम) के प्रकार
यह तीन प्रकार के होते हैं-

  • सफेद गुदे वाला लाल रंग का फल,
  • सफेद गुदे वाला पीले रंग का फल,
  • लाल गुदे वाला लाल रंग का फल।
बुवाई का उचित समय
ड्रैगन फ्रूट के पौधे जून से अगस्त तक गर्म और आर्द्र वातावरण में प्रत्यारोपण कर सकते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की कटिंग
ड्रैगन फ्रूट के पौध से नये कल्ले को चॉपस्टिक से काटा जाता है। पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए 15 सेमी से 30 सेमी के स्लाइस का उपयोग करना उचित है। कटिंग लेने के बाद सिरों पर फफूंदनाशक लगा दें और धूप में दो तीन दिन के लिए कटिंग को सूखने दें। यह उपचार विकास की बढ़ावा देने में मदद करता है। जब कटी टिप्स सफेद हो जाती हैं आपको पता चल जाएगा कि यह तैयार हो गया है। अब आप कटाई को मिट्टी में या नर्सरी के लिए काले पॉलीबैग में वर्मी कंपोस्ट और कोको पीट से तैयार की गई मिट्टी में लगा सकते हैं।

बुवाई करने का तरीका
ड्रैगन फ्रूट के पौधे जून से अगस्त तक गर्म और आर्द्र वातावरण में प्रत्यारोपण कर सकते हैं। ड्रैगन फूट को चॉपस्टिक से काटा जाता है। पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए 15 सेमी से 30 सेमी के स्लाइस का उपयोग करना उचित है। इन स्लाइस किए पौधों को जुताई के बाद खेत मे लगाएं। जड़ को खराब होने से रोकने के लिए, श्रेडर को कवकनाशी के साथ इलाज किया जाना चाहिए और नर्सरी में रोपण के 5 से 7 दिनों के बाद ठंडे स्थान पर रखा जाना चाहिए। 30 से 40 दिनों में जड़ें उभरने लगेंगी। इसे लगाने से पहले आपको इसके लिए कई 6 फीट लंबी आरसीसी पोल लगाने होंगे। क्योंकि यह एक कैक्टस बेल है और इनके फल काफी बड़े होते हैं, तो इन्हें खड़े होने के लिए सहारे की जरूरत पड़ती है। हर पौधे के बीच में कम से कम 6 फीट की दूरी होनी चाहिए। इस प्रकार एक हेक्टेयर खेत में 1700 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाए जा सकते हैं।

Land Preparation & Soil Health

उपयुक्त जलवायु
ड्रैगन फ्रूट की खेती उष्णकटिबंधीय अथवा उप. उष्णकटियबंधीय क्षेत्रों में की जाती है। ड्रैगन फ्रूट की खेती एवं अच्छी उत्पादकता के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त माना जाता है। कैक्टस बेल होने के कारण यह कम पानी में भी अच्छा उत्पादकता देती है। इसे 50 सेंमी वार्षिक औसतन के दर से वर्षा की जरूरत होती है। बहुत अधिक सूर्य की रोशनी ड्रैगन फ्रूट के पौधे का नुकसान पहुंचा सकती है ऐसे इलाके में इसकी खेती छायादार जगह पर करें।

भूमि का चयन

ड्रैगन फ्रूट को रेतीले दोमट मिट्टी से लेकर दोमट मिट्टी तक विभिन्न मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसकी खेती के लिए 5 से 7 पीएच तक की मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। हालांकि बेहतर जीवाश्म व कार्बनिक गुणों से भरपूर और जल निकासी वाली बलुवाई मिट्टी इसकी उपज के लिए सबसे बेहतर है।

खेत तैयार करने का तरीका
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे पहले आपको अपने जमीन की जुताई अच्छे से करनी होगी। ध्यान रहे कि जैविक खेती करने से आपका उत्पाद बेहतर होगा और आमदनी अच्छी होगी। 2 दिन के लिए मिट्टी को खुले धूप में छोड़ दें ताकि सारे कीट, उनके अंडे एवं रोगज़नक जीवाणु मर जाये। जुताई के बाद कोई भी जैविक खाद अनुपात अनुसार मिट्टी में दिया जाना चाहिए।

Crop Spray & fertilizer Specification

खाद एवं उर्वरक की मात्रा:
ड्रैगन फ्रूट के रोपण के दौरान 10 से 20 ग्राम प्रति पौधा जैविक खाद और 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट प्रदान करें। पहले दो वर्षों में, प्रति पौधे में 300 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम फास्फोरस और 200 ग्राम पोटेशियम दें। प्रत्येक परिपक्व पौधे के लिए 540 ग्राम नाइट्रोजन, 720 ग्राम फॉस्फोरस और प्रति वर्ष 300 ग्राम पोटेशियम प्रदान करें। पोषक तत्वों की इस खुराक को सालाना चार खुराक में दिया जाना चाहिए। वानस्पतिक अवस्था में इसको लगने वाले रासायनिक खाद का अनुपात पोटाशःसुपर फॉस्फेट:यूरिया=40:90:70 ग्राम प्रति पौधे होता है। जब पौधों में फल लगने का समय हो जाए तब कम मात्रा में नाइट्रोजन और अधिक मात्रा में पोटाश दिया जाना चाहिए ताकि उपज बेहतर हो। फूल आने से लेकर फल आने तक यानि की फूल आने के ठीक पहले (अप्रेल), फल आने के समय (जुलाई या अगस्त) और फल को तोड़ने के दौरान (दिसंबर) तक में इस अनुपात में रासायनिक खाद दिया जाना चाहिए।

कीट एवं रोग:
इसमें चरने या कीड़े लगने का जोखिम भी नहीं है।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

ड्रैगन फ्रूट (कमलम) की सिंचाई
ड्रैगन फ्रूट के पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। टपक सिंचाई तकनीक ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सबसे अनुकूल माना गया है। अधिक पानी और जड़ के पास पानी इकट्ठ होने से ड्रैगन फ्रूट की फसल खराब हो सकती है इसलिए खेतों में जल निकासी की अच्छी सुविधा होनी चाहिए।

Harvesting & Storage

फलों का आना एवं फलों की तुड़ाई:
ड्रैगन फूट एक प्रकार की कैक्टस बेल है। मई जून में इसमें फूल आते हैं। अगस्त से दिसंबर तक फल लगते हैं। मानसून में ड्रैगन फूट तैयार होता है। मानसून के चार महीने में प्रत्येक 40 दिनों के अंतराल पर फल पकते है। एक पौधे के सीजन में दो सौ से चार सौ रूपये प्रति किलो की कीमत मिल जाती है। इस फसल में केवल एक बार निवेश के बाद पारंपरिक खेती के मुकाबले लगभग 25 वर्षों तक इससे आमदनी हो सकती है जो शहरों की फल मंडी में आसानी से बिक जाता है। इसकी उत्पादन क्षमता प्रति एकड़ पांच से छ: टन है। यह फल एक एकड़ की खेती करने पर 14 लाख रुपये का मुनाफा देता है।

फलों का संग्रहः
ड्रैगन फ्रूट को कमरे के तापमान यानी 25 डिग्री सेल्सियस पर 5 से 7 दिन तक संग्रह किया जा सकता है। 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर इसे 22 दिन तक संग्रहित किया जा सकता हैं।

पैकेजिंग:
सभी ड्रैगन फलों को कटाई के उपरांत उसी दिन पैक किया जाता है, फिर निर्यात के लिए कंटेनर पर लोड करने से पहले ठंडा किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए इस प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए ताकि फल की शेल्फ लाईफ लंबी हो।

ड्रैगन फ्रूट में लागत और लाभ:
  • खम्भे लगाना- 2,00,000 रु.
  • कलम की कीमत- 30 के भाव से 60,000 रु.
  • खाद और कीटनाशक- 15,000 रु.
  • मजदूरी- 60,000 रु.
  • 1 एकड़ जमीन की कीराया- 40,000 से 80,000 रु.
  • अन्य खर्चे- 15,000 रु.
  • कुल लागत- 3,70,000 से 4,50,000 रु.
  • आय: 6,00,000 रु.
  • लाभ: 4,80,000 रु.


Dragon fruit (ड्रैगन फ्रूट) (कमलम) Crop Types

You may also like

No video Found!