बेहतर पैदावार देने वाली सोयाबीन की अर्ली किस्में: जानिए पूरी जानकारी और खासियतें

बेहतर पैदावार देने वाली सोयाबीन की अर्ली किस्में: जानिए पूरी जानकारी और खासियतें
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Kisaan Helpline

Crops Jun 19, 2025

सोयाबीन की खेती में आई नई क्रांति, जानिए नई उन्नत किस्मों के बारे में – जेएस 23-03, जेएस 24-33 और एनआरसी 150

देश के लाखों किसान लंबे समय से सोयाबीन की ऐसी किस्म का इंतजार कर रहे थे जो पुराने किस्मों की कमजोरियों को दूर करते हुए अधिक उत्पादन दे सके, वायरस से सुरक्षित हो, अच्छी ऊँचाई वाली हो जिससे हार्वेस्टर से कटाई आसान हो, और बाजार में अच्छी कीमत भी दिला सके। अब यह इंतजार खत्म हुआ है।

जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (J.N.K.V.V.), जबलपुर और नेशनल सोयाबीन रिसर्च सेंटर (N.R.C.S.), इंदौर के वैज्ञानिकों ने वर्षों की मेहनत से तीन नई अर्ली सोयाबीन किस्में विकसित की हैं जो किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतरती हैं। ये किस्में हैं – जेएस 23-03, जेएस 24-33, और एनआरसी 150। आइए इन किस्मों की खासियतों को विस्तार से समझते हैं।

 

जेएस 23-03 – कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली किस्म

मुख्य विशेषताएं:

·         अवधि: सिर्फ 88-90 दिन

·         दाना: गोल, बोल्ड, पीला और चमकदार, हायलम काला

·         पौधे की ऊँचाई: लगभग 47 सेंटीमीटर

·         अंकुरण क्षमता: 85-90%

·         फलियाँ: तीन दाने की अधिक, फूटने की समस्या नहीं

·         रोग प्रतिरोधकता: येलो मोजेक, एन्थ्रेक्नोज, राइजोक्टोनिया और अन्य रोगों के प्रति सहनशील

·         उत्पादन क्षमता: इंदौर में 31.89 क्विंटल प्रति हेक्टेयर, कुछ किसानों ने 7 क्विंटल प्रति बीघा भी लिया है

·         उपयुक्त क्षेत्र: मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र (विदर्भ व मराठवाड़ा), बुंदेलखंड (उत्तरप्रदेश)

खास बात:

यह किस्म जल्दी पककर तैयार हो जाती है, जिससे रबी की फसलें (जैसे लहसुन, प्याज, मटर, शरबती गेहूं आदि) समय पर बोई जा सकती हैं। इससे किसान एक ही खेत में साल में दो फसलें ले सकते हैं।

 

जेएस 24-33 – रोग और कीटों के खिलाफ मजबूत और ऊँची किस्म

मुख्य विशेषताएं:

·         अवधि: 88-90 दिन

·         दाना: गोल, मध्यम बोल्ड, पीला, चमकदार

·         पौधे की ऊँचाई: लगभग 50 सेंटीमीटर, मैकेनिकल हार्वेस्टर के लिए उपयुक्त

·         अंकुरण क्षमता: 85-90%

·         फलियाँ: तीन से चार दानों वाली, झुमकों में, शेटरिंग नहीं

·         तेल की मात्रा: 20.65%

·         रोग प्रतिरोधकता: येलो मोजेक, चारकोल रॉट, जड़ सड़न

·         उत्पादन क्षमता: आदर्श परिस्थितियों में 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक

खास बात:

जो किसान आलू, प्याज, लहसुन या चना जैसी अगाती रबी फसलें लेना चाहते हैं, उनके लिए यह किस्म सबसे उपयुक्त है। असिंचित (बिना सिंचाई) क्षेत्रों में भी यह बेहतर प्रदर्शन देती है।

 

एनआरसी 150 – चमकदार दाना और अधिकतम उत्पादन वाली किस्म

मुख्य विशेषताएं:

·         अवधि: लगभग 92 दिन

·         दाना: बोल्ड, पीला, चमकदार, हायलम काला

·         100 दानों का वजन: 11.50 ग्राम

·         पौधे की बनावट: ऊँचाई वाला, फैलावदार, हार्वेस्टर से काटने में उपयुक्त

·         फूलों का रंग: सफेद

·         फलियाँ: तीन दाने की, फूटने की समस्या नहीं

·         रोग प्रतिरोधकता: अच्छी

·         उत्पादन क्षमता: 30-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

 

खास बात:

इस किस्म को वर्ष 2023 में जारी किया गया है और यह कम समय में अधिक उत्पादन देने की क्षमता रखती है, जिससे किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।

 

क्यों हैं ये किस्में खास?

·         जल्दी कटाई: सभी किस्में 90 दिन के भीतर तैयार हो जाती हैं।

·         शेटरिंग से मुक्ति: फलियाँ नहीं फूटती जिससे उत्पादन सुरक्षित रहता है।

·         रोग प्रतिरोधकता: कई प्रमुख बीमारियों व कीटों से सुरक्षित।

·         मैकेनिकल हार्वेस्टिंग के लिए उपयुक्त: पौधों की ऊँचाई ऐसी है कि मशीन से आसानी से कटाई की जा सकती है।

·         दूसरी फसल के लिए समय: जल्दी कटाई होने के कारण किसान अगली रबी की फसल समय पर बो सकते हैं।

 

किसानों के लिए सलाह:

·         बीज दर: 40 किलो प्रति एकड़

·         लाइन से लाइन की दूरी: 14 इंच

·         आदर्श खेत तैयारी, समय पर फर्टीगेशन, सिंचाई व खरपतवार नियंत्रण अपनाएं

·         कीट व रोगों की निगरानी रखें, आवश्यकतानुसार जैविक या रासायनिक नियंत्रण अपनाएं

जेएस 23-03, जेएस 24-33 और एनआरसी 150 जैसी नई सोयाबीन किस्में भारतीय किसानों के लिए वरदान साबित होंगी। ये किस्में न केवल अधिक उत्पादन देती हैं, बल्कि बाजार में अच्छी कीमत, कम लागत व रोगों से सुरक्षा भी सुनिश्चित करती हैं। इन किस्मों को अपनाकर किसान अपने खेत की उत्पादकता तो बढ़ा ही सकते हैं, साथ ही अपने परिवार की आमदनी में भी जबरदस्त सुधार ला सकते हैं

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