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भारत में खेती अब तेजी से आधुनिक हो रही है और इसी बदलाव के साथ एक नई तकनीक किसानों के बीच चर्चा में है—सटीक खेती (Precision Farming)। यह तकनीक खेत के हर हिस्से की ज़रूरत को समझकर उसी के अनुसार पानी, खाद और दवाइयों का सही और सटीक उपयोग करवाती है।
नीचे पढ़िए—सटीक खेती आखिर है क्या, कैसे काम करती है और किसानों को इससे क्या बड़ा फायदा मिलता है
सटीक खेती में खेत की मिट्टी, नमी, पोषक तत्व और फसल की स्थिति को समझकर सही समय पर सही मात्रा में इनपुट (खाद-पानी-दवाई) दिया जाता है।
इससे खेत में बर्बादी कम होती है और पैदावार बढ़ती है।
खेत की सही मैपिंग और रास्ते की सटीक जानकारी देता है।
मिट्टी की नमी, खाद की ज़रूरत और pH की जानकारी रियल-टाइम में मिलती है।
ऊपर से खेत की तस्वीरें लेकर कीट, रोग या पोषण की कमी का जल्दी पता चलता है।
डेटा का विश्लेषण करके बताता है कि कहाँ कितनी खाद, पानी या दवाई डाली जाए।
बेकार में खाद, दवा या पानी डालने की ज़रूरत नहीं होती।
फसल को सही समय पर सही पोषण मिलता है।
ड्रोन और सेंसर से बीमारी जल्दी दिखाई देती है।
किसान मौसम और खेत की हालत देखकर सही निर्णय ले पाते हैं।
मिट्टी और पानी को नुकसान भी कम होता है।
सटीक खेती आने वाले समय की स्मार्ट कृषि है। इससे किसान कम खर्च में ज़्यादा और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन कर सकते हैं। आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन, सेंसर और AI धीरे-धीरे भारत की खेती का चेहरा बदल रहे हैं। अगर किसान इसे अपनाते हैं, तो भविष्य में खेती और भी आसान, लाभदायक और सुरक्षित बन सकती है।
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