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नई दिल्ली — भारत सरकार द्वारा ड्राफ्ट सीड्स बिल 2025 को सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी करने के बाद, भारतीय बीज उद्योग संघ (FSII) ने इसे बीज कानूनों के आधुनिकीकरण की दिशा में बड़ा और जरूरी कदम बताया है।
FSII के चेयरमैन और सवाना सीड्स के सीईओ एवं एमडी अजय राणा ने कहा कि यह बिल किसानों, बीज कंपनियों और पूरे कृषि क्षेत्र के लिए सकारात्मक बदलाव लाएगा।
FSII चेयरमैन ने क्या कहा?
अजय राणा ने अपने बयान में कहा:
ड्राफ्ट सीड्स बिल, 2025 का आना बहुत समय से लंबित सुधारों को पूरा करता है।
यह बिल पुराने सीड्स एक्ट 1966 और सीड्स (कंट्रोल) ऑर्डर 1983 की जगह लेगा।
नए बिल में शोध-आधारित कंपनियों के लिए मान्यता प्रणाली और व्यापार करने में आसानी जैसे सुधार शामिल हैं।
इससे बीज उद्योग में पारदर्शिता बढ़ेगी और गंभीर गलतियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी सुनिश्चित होगी।
FSII इस बिल का विस्तार से अध्ययन कर रहा है और तय समय सीमा में अपनी आधिकारिक टिप्पणियां सरकार को भेजेगा।
इस नए ड्राफ्ट बिल से किसानों को कई फायदे मिलने की उम्मीद है:
गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध होने में सुधार होगा
बाजार में नकली या खराब गुणवत्ता वाले बीजों पर लगाम लगेगी
शोध और नई किस्मों को बढ़ावा मिलेगा
पारदर्शी नियम किसानों के हितों की रक्षा करेंगे
सरकार अब पुराने बीज कानूनों को बदलकर नए समय के अनुसार बेहतर नियम लाना चाहती है, ताकि किसानों को भरोसेमंद, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज मिलें और बीज कंपनियां भी साफ-सुथरे तरीके से काम कर सकें।
ड्राफ्ट सीड्स बिल 2025 भारत के बीज क्षेत्र के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है। किसानों को बेहतर बीज, सुरक्षित नियम और अधिक भरोसेमंद व्यवस्था मिलने की उम्मीद है। आने वाले दिनों में सरकार और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर इस बिल में और सुधार भी किए जा सकते हैं।
यह फैसला आधुनिक खेती और किसानों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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