किसान भाई क्विनोआ की खेती से कमा सकते है कम लागत में अधिक लाभ
किसान भाई क्विनोआ की खेती से कमा सकते है कम लागत में अधिक लाभ
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भारत में क्विनोआ की खेती एक लाभदायक विकल्प है, जिसका महत्व भविष्य में और भी बढ़ने वाला है। क्विनोआ में चावल की तुलना में अधिक प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यह अमीनो एसिड और अन्य पोषक तत्वों का एक उत्कृष्ट और संतुलित स्रोत है। Quinoa कीटों और बीमारियों से विशेष रूप से प्रभावित नहीं होता है, जो इसे जैविक खेती के लिए एक महत्वपूर्ण और आसान विकल्प बनाता है। कठोर मौसम और मिट्टी में अच्छी पैदावार देने की क्षमता, क्विनोआ को कम लागत वाली, उच्च लाभ वाली फसल के रूप में स्थापित करती है। इन विशेषताओं के कारण, क्विनोआ भारत के सभी वर्गों के किसानों और शुष्क क्षेत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल विकल्प के रूप में उभरा है। वैकल्पिक फसल के रूप में क्विनोआ का उपयोग कर अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। भारत के किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

क्विनोआ की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

क्विनोआ की खेती के लिए छोटे दिन और ठंडी जलवायु उपयुक्त होती है। यह कम उपज वाले खेतों और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी अच्छा उत्पादन देती है। क्विनोआ की अच्छी उपज के लिए तापमान 18 से 20 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। यह -8 से 36 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को भी सहन कर सकता है। यदि तापमान 36 डिग्री से अधिक हो जाता है तो इससे पौधों में बीज बनने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है और उत्पादन कम हो जाता है। इसलिए भारत में यह फसल मुख्यतः रबी मौसम में ही उगाई जाती है।

क्विनोआ की खेती के लिए बीज बोने की विधि

क्विनोआ के बीज को खेत में 2 से 5 सें.मी. की गहराई में बोना चाहिए। बुआई के दो-तीन दिन पहले सिंचाई कर देनी चाहिए, ताकि अंकुरण आसानी से हो सके। क्विनोआ के बीज बहुत छोटे होते हैं अतः इसे बहुत ज्यादा गहराई या सतह पर इसकी बुआई करने से इनके अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

बीज की मात्रा

आमतौर पर अच्छी फसल के लिए प्रति एकड़ 500 से 750 ग्राम बीज की दर निर्धारित की गई है। यदि मिट्टी और जलवायु फसल के लिए उपयुक्त नहीं है तो बीज दर दोगुनी कर देनी चाहिए। बीजों के अंकुरण के लिए बीजों को रेत में 1:3 के अनुपात में अच्छी तरह मिला देना चाहिए। इसके बाद बुवाई कर देनी चाहिए। कतारों में बुवाई करना उचित है। जब पौधे 10 से 15 सें.मी. के हो जाएं, तो उनके बीच की दूरी भी 10 से 15 सें.मी. की बना लेनी चाहिए। अतिरिक्त पौधों को हटा देना चाहिए, ताकि पौधों का समुचित विकास हो सके।

क्विनोआ की खेती की अधिक जानकारी के लिए ये वीडियो देखें :