मंदसौर जिला बना शिमला, बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि, अपनी फसल बर्बाद होता देखकर किसान मायूस
मंदसौर जिला बना शिमला, बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि, अपनी फसल बर्बाद होता देखकर किसान मायूस
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मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के कई क्षेत्रों में शनिवार को अचानक मौसम ने करवट बदली और ओलावृष्टि के साथ जोरदार बारिश हुई। जिले के कचनारा, दलौदा, डिगाव, करजू और मल्हारगढ़ विधानसभा के संजीत, मूंदड़ी, काचरिया के कई गांव में तेज बारिश साथ ओलावृष्टि हुई। सीतामऊ सुवासरा में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई । मंदसौर जिले के नगरी गांव में ओलावृष्टि के कारण सड़क पर सफ़ेद चादर चढ़ गयी हो ऐसा नज़ारा देखने को मिला। नगरी-कचनारा रोड़ पर ओलावृष्टि के कारण शिमला जैसा दृश्य बन गया। चारों तरफ बर्फ की चादर चढ़ गयी। लोगों ने बताया कि कई वर्षों बाद क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि हुई, ऐसा लग रहा है मानो नगरी शिमला में तब्दील हो गया है।

मंदसौर जिले में बदले मौसम के बाद कई इलाकों में ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई। बेमौसम हुई इस बारिश से किसानों को काफी नुकसान होने की उम्मीद जताई जा रही है। बता दें कि मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। आज दोपहर बाद अचानक मौसम ने करवट ली और बारिश शुरू हो गई। बारिश के साथ मंदसौर में ओलावृष्टि भी कई स्थानों पर हुई जिससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दिख रही है।


किसान वाकय में अपने भाग्य पर जिंदा हैं...
ना भाव उसके हाथ में है और ना फसल बस केवल उसके हाथ में है तो सिर्फ मेहनत, 
कहने को तो मेहनत का फल मीठा होता है, पर किसान के लिए तो ये भी न कहा जा सकता, 
जी तोड़ मेहनत कर जब फल का समय आता तो प्रकृति से सामना करना पड़ता
अगर यहां से निकल भी गया तो मंडियों में भाव के लिए सामना करना पड़ता, 
किसान को बीज बोने से लेकर मंडी जाने तक अपनी मेहनत के फल के लिए संघर्ष करना पड़ता है, 
चाहे ओले गिरे पानी गिरे या पाला हर चुनौती से लड़ने के लिए किसान तैयार है, पर उन्ही किसानों के लिए लड़ने को कोई तैयार नहीं है, शायद
इसी संघर्ष का नाम किसान हैं........


नगरी में तेज तूफान और ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। शनिवार को तेज बारिश और ओलावृष्टि से खड़ी फसल बर्बाद हो गई। खेतों में ओले ऐसे गिरे पड़े है जैसे किसी ने सफेद चादर बिछा दी हो। वहीं अपनी फसल बर्बाद होता देखकर किसान मायूस हो गए है। खेतों में वो जिधर नजर घूमा रहे थे उधर बर्फ ही बर्फ नजर आ रहा था। हालांकि कुछ देर बाद बर्फ पिघलकर बह गई।

कई दिनों से आसमान में बादल छाए हुए थे। तेज आंधी हवा और गरज के साथ जोरदार बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे खेतों में खड़ी व कटी पड़ी गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। जिले में अफीम सहित गेँहू चना, मेथी, मसूर, धनिया जैसी फसलो में नुकसान हुआ है वही इसबगोल की फसल सौ फीसदी बर्बाद हो गई। गेहूं की फसल टेड़ी हो गई, कटी फसलों में बारिश से दाने गिर जाने से किसानों को भारी नुकसान हुआ। घरों के बाहर सुखाने के लिए रखी गेहूं, प्याज, लहसुन की फसलों में भी तेज बारिश से नुकसान हुआ है। किसानों ने बिना सर्वे करें सरकार से राहत राशि की मांग की।

नहीं बदलेगा मौसम का मिजाज 20 मार्च तक
मौसम विभाग ने 20 मार्च तक भारी बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 20 मार्च के बाद मौसम का मिजाज बदलेगा।