सोयाबीन की फसल को कीटों से बचाने के लिए किसानों के लिए ज़रूरी सुझाव

सोयाबीन की फसल को कीटों से बचाने के लिए किसानों के लिए ज़रूरी सुझाव
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Kisaan Helpline

Crops Aug 12, 2025

Agriculture Advisory : मौजूदा समय में सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है – फसल पर कीटों का हमला। अगर समय रहते इन कीटों पर नियंत्रण न किया जाए, तो यह पैदावार में भारी कमी ला सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि खेत का नियमित निरीक्षण और सही समय पर कीटनाशकों का छिड़काव करने से फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है।

 

नीचे हम कुछ मुख्य कीटों और उनके नियंत्रण के आसान तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्हें किसान भाई अपनी खेत की स्थिति देखकर अपना सकते हैं।

 

1. तना मक्खी (Stem Fly) से बचाव

·         तना मक्खी का प्रकोप होने पर पौधे के तने में गहरे भूरे रंग के धब्बे और अंदर से सूखने जैसे लक्षण दिखते हैं।

·         इसे रोकने के लिए किसान आइसोसायक्लोसरम 9.2% W/W DC (600 मिली/हे.) या थायोमिथोक्सम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हे.) का छिड़काव करें।

·         कीटनाशक का छिड़काव सुबह या शाम को करें और तेज धूप में स्प्रे न करें।

 

2. पत्ती खाने वाले कीट (Leaf-Eating Caterpillar)

·         ये कीट पत्तियों को छेद-छेद कर खाते हैं, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है।

·         फूल आने से पहले ही क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 SC (150 मिली/हे.) का छिड़काव करने से 30 दिन तक सुरक्षा मिल सकती है।

·         खेत में यदि पत्तियों के किनारे से गोल-गोल हिस्से गायब दिखें, तो तुरंत उपचार करें।

 

3. चक्र भृंग (Girdle Beetle)

·         चक्र भृंग पौधे के तने को गोलाई में काट देता है, जिससे ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है।

·         शुरुआत में ही एसिटेमीप्रीड + बायफेंथ्रिन (250 ग्राम/हे.) या प्रोफेनोफॉस 50 EC (1 ली./हे.) का छिड़काव करें।

·         साथ ही संक्रमित टहनियों को तोड़कर खेत से बाहर नष्ट करें, ताकि कीट का फैलाव रोका जा सके।

 

4. पत्ती खाने वाली इल्लियाँ और रस चूसने वाले कीट (Combined Attack)

·         कई बार खेत में पत्ती खाने वाली इल्लियाँ (सेमीलूपर, तम्बाकू इल्ली) और रस चूसने वाले कीट (सफेद मक्खी, जसीड) एक साथ हमला कर देते हैं।

·         ऐसे में क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड का स्प्रे करें।

·         इससे एक ही बार में दोनों प्रकार के कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

 

5. बिहार हेयरी कैटरपिलर (Bihar Hairy Caterpillar)

·         ये कीट झुंड में पौधों की पत्तियाँ पूरी तरह खा जाते हैं।

·         प्रारंभिक अवस्था में ही झुंड वाली इल्लियों को पौधों सहित खेत से निकालकर नष्ट कर दें।

·         जरूरत पड़ने पर लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.9% CS (300 मिली/हे.) का छिड़काव करें।

 

किसान भाइयों के लिए ज़रूरी सलाह

·         खेत का निरीक्षण सप्ताह में कम से कम 2 बार करें।

·         कीटनाशकों की मात्रा हमेशा निर्देशानुसार ही लें, ज़्यादा मात्रा का इस्तेमाल फसल और मिट्टी दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।

·         स्प्रे करते समय हवा की दिशा का ध्यान रखें और सुरक्षा के लिए मास्क व दस्ताने पहनें।

·         स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेकर ही कीटनाशक का चयन करें।

 

अगर किसान समय पर कीटों की पहचान करके सही दवा का छिड़काव करें, तो सोयाबीन की फसल को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है। सही प्रबंधन और सावधानी से न केवल फसल की गुणवत्ता बनी रहती है, बल्कि पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है।

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