Kisaan Helpline
केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत आज यानी 11 अगस्त को करीब 30 लाख किसानों के बैंक खातों में ₹3,200 करोड़ की दावा राशि सीधे (DBT) ट्रांसफर की जा रही है।
राजस्थान के झुंझुनू
में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस
राशि का डिजिटल हस्तांतरण किया। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा,
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राज्य के कृषि
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी मौजूद रहे।
किस राज्य को कितनी राशि
मिली?
इस वितरण में देश के
अलग-अलग राज्यों के किसानों को दावा राशि मिली, जिसमें —
·
मध्य
प्रदेश के किसानों को ₹1,156 करोड़
·
राजस्थान
के किसानों को ₹1,121
करोड़
·
छत्तीसगढ़
के किसानों को ₹150
करोड़
·
अन्य
राज्यों के किसानों को ₹773 करोड़ ट्रांसफर किए गए।
यह पहली किस्त है।
कृषि मंत्री ने बताया कि जिन किसानों के खातों में आज पैसा नहीं आया,
उन्हें चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। लगभग ₹8,000 करोड़ की दूसरी किस्त बाद में जारी की जाएगी।
नई व्यवस्था से होगा
तेज़ भुगतान
सरकार ने दावा निपटान
की प्रक्रिया को आसान और तेज़ बनाने के लिए एक नई प्रणाली लागू की है। अब राज्य के
हिस्से का प्रीमियम आने का इंतजार किए बिना, केवल केंद्र की सब्सिडी के आधार पर किसानों को आनुपातिक
भुगतान किया जाएगा।
साथ ही,
खरीफ 2025 से अगर कोई राज्य सरकार अपने हिस्से की सब्सिडी में देरी
करती है,
तो उस पर 12% ब्याज का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी तरह,
अगर बीमा कंपनियां दावा भुगतान में देरी करती हैं,
तो उन पर भी 12% ब्याज देना होगा।
फसल बीमा योजना का
फायदा
2016 में
शुरू हुई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक किसानों ने ₹35,864 करोड़ का प्रीमियम भरा है, जबकि उन्हें ₹1.83 लाख करोड़ से अधिक का दावा भुगतान मिला है। यानी किसानों
को प्रीमियम के मुकाबले 5 गुना से भी ज़्यादा राशि का लाभ मिला है।
यह योजना प्राकृतिक
आपदाओं — जैसे बाढ़, सूखा,
ओलावृष्टि, कीटों और बीमारियों — से फसल को हुए नुकसान की भरपाई करती
है। योजना के तहत:
·
खरीफ
फसलों का प्रीमियम केवल 2%
·
रबी
फसलों का प्रीमियम 1.5%
·
बागवानी
और वाणिज्यिक फसलों का प्रीमियम 5%
बाकी प्रीमियम का
भुगतान सरकार करती है। कुछ राज्यों में तो पूरा प्रीमियम भी सरकार देती है।
तकनीक से बढ़ी
पारदर्शिता
बीते कुछ वर्षों में
दावों के निपटान में तेज़ी और पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने कई तकनीकी साधनों
का इस्तेमाल शुरू किया है, जैसे:
·
YES-TECH और WINDS पोर्टल
·
AIDE मोबाइल ऐप
·
कृषि
रक्षक पोर्टल
·
हेल्पलाइन
नंबर 14447
इन तकनीकों की मदद से
सैटेलाइट इमेज, ड्रोन
सर्वे और मोबाइल ऐप के जरिए फसल नुकसान का सटीक आकलन किया जाता है,
ताकि किसानों को सही समय पर मुआवजा मिल सके। सरकार का
लक्ष्य है कि फसल कटाई के 2 महीने के भीतर दावा निपटान हो जाए।
किसानों के लिए राहत
की सौगात
यह कदम किसानों के लिए
एक बड़ी राहत है। फसल बीमा योजना से किसानों को न केवल आर्थिक सुरक्षा मिलती है,
बल्कि खराब मौसम या प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उनका
नुकसान भी भरपाई हो जाता है।