Agriculture Tips: बरसात में मिर्च की फसल को बचाएं, अपनाएं ये देसी तरीके – पैदावार होगी जबरदस्त!

Agriculture Tips: बरसात में मिर्च की फसल को बचाएं, अपनाएं ये देसी तरीके – पैदावार होगी जबरदस्त!
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Kisaan Helpline

Crops Aug 04, 2025

Agriculture Tips: मिर्च की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए ये मौसम थोड़ा सावधानी बरतने का है। खासकर बरसात के समय मिर्च के पौधे कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इस समय सबसे बड़ा खतरा होता है जड़ सड़न रोग (Root Rot) का। यह रोग मिट्टी में रहने वाले फफूंद (fungus) के कारण होता है और यदि इसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो पौधे धीरे-धीरे सूखने लगते हैं और पूरी फसल बर्बाद हो सकती है।

 

खरगोन जिला मध्यप्रदेश का एक प्रमुख मिर्च उत्पादन क्षेत्र है। यहाँ हर साल हजारों किसान खरीफ सीजन में बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती करते हैं। लेकिन इस बार बारिश के चलते खेतों में पानी भर जाने की स्थिति बन रही है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और जल निकासी का अभाव मिर्च की जड़ों को कमजोर कर रहा है।

 

कैसे पहचानें जड़ सड़न रोग?

अगर मिर्च के पौधे अचानक मुरझाने लगें, पत्तियां पीली पड़ जाएं, और हल्के हाथ से खींचने पर पूरा पौधा जड़ सहित निकल आए, तो समझ लीजिए कि जड़ों में फफूंद लग चुका है। कभी-कभी पौधों की जड़ें काली पड़ जाती हैं और निचला हिस्सा गलने लगता है। इस स्थिति में तुरंत इलाज करना जरूरी है।

 

क्या करें किसान भाई?

·        सबसे पहले तो खेतों में पानी रुकने न दें। बारिश के मौसम में खेतों में अच्छी जल निकासी व्यवस्था (drainage system) होना बहुत जरूरी है।

·        जैविक समाधान के रूप में, ट्राइकोडर्मा (Trichoderma) नामक जैविक फफूंदनाशी का प्रयोग करें। 15 लीटर के पंप में 1 किलो ट्राइकोडर्मा और 50 किलो सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर उसे प्रति एकड़ खेत की मिट्टी में डालें।

·        इससे मिट्टी में मौजूद हानिकारक फफूंद नियंत्रित रहता है और पौधों की जड़ें सुरक्षित रहती हैं।

 

अगर बीमारी शुरू हो जाए तो क्या करें?

·        जिन पौधों में बीमारी की शुरुआत दिख रही हो, वहां कार्बेन्डाजिम या मेन्कोजेब जैसे फफूंदनाशक का छिड़काव करें।

·        30 ग्राम दवा को पानी में घोलकर सीधे जड़ों में डालें।

·        यह प्रक्रिया सप्ताह में एक बार करें और इसे लगातार 2-3 बार दोहराएं।

·        यदि कोई पौधा पूरी तरह संक्रमित हो गया है, तो उसे जड़ सहित उखाड़कर खेत से बाहर फेंक दें, ताकि बाकी पौधों को बीमारी न लगे।

 

रासायनिक कीटनाशकों से बचें

कृषि विशेषज्ञों की मानें तो रासायनिक दवाओं की बजाय जैविक उपाय ज्यादा सुरक्षित और प्रभावशाली होते हैं। ये मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखते हैं और फसल को नुकसान भी नहीं पहुंचाते।

 

मिर्च की फसल को इस बरसात के मौसम में जड़ सड़न जैसी बीमारी से बचाने के लिए किसानों को समय रहते जरूरी कदम उठाने होंगे। देसी और जैविक उपाय अपनाकर न केवल फसल को बचाया जा सकता है, बल्कि पैदावार भी अच्छी हो सकती है। थोड़ी सी सतर्कता और समझदारी से किसान भाइयों की मेहनत रंग ला सकती है।

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