किसानों के लिए रामबाण उपाय: अब नीलगाय और छुट्टा जानवर नहीं करेंगे फसल बर्बाद, घर पर बनाएं ये असरदार घोल

किसानों के लिए रामबाण उपाय: अब नीलगाय और छुट्टा जानवर नहीं करेंगे फसल बर्बाद, घर पर बनाएं ये असरदार घोल
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Kisaan Helpline

Agriculture Jul 24, 2025

फसलों की सुरक्षा का देशी और असरदार उपाय, जो किसानों की मेहनत को बचाएगा

 

खेती-किसानी करने वाले किसान भाई अपनी फसल की रखवाली के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। फसल बोने से लेकर उसे तैयार करने तक जितना समय और पसीना किसान लगाते हैं, उतना ही खतरा रहता है जंगली जानवरों और छुट्टा पशुओं से। खासकर नीलगाय, सूअर, गाय और दूसरे आवारा जानवर फसलों को नष्ट कर देते हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

 

लेकिन अब किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। कृषि वैज्ञानिकों ने एक ऐसा घरेलू नुस्खा बताया है, जिससे नीलगाय और अन्य जानवर खेतों के पास भी नहीं आएंगे। यह तरीका पूरी तरह देसी, सुरक्षित और सस्ता है। इसके इस्तेमाल से न सिर्फ फसल सुरक्षित रहेगी, बल्कि भूमि की उपजाऊ क्षमता भी बनी रहेगी।

 

कैसे तैयार करें ये खास घोल?

यह घोल बनाना बेहद आसान है और इसके लिए किसी खर्च की जरूरत नहीं पड़ती। हर गांव में ये चीजें आसानी से मिल जाती हैं:

·         1 किलो नीम की पत्तियां (कटी हुई या पिसी हुई)

·         1 किलो देशी गोबर

·         20 लीटर पानी

 

इन तीनों चीजों को मिलाकर एक बड़े बर्तन या ड्रम में डालें और अच्छे से मिला दें। इस मिश्रण को करीब 8-10 घंटे तक ढककर रख दें। इसके बाद तैयार घोल को खेत की मेड़ों और फसलों पर छिड़क दें।

 

कैसे करता है ये घोल काम?

नीम की पत्तियों में कड़वाहट होती है, जिसकी वजह से जानवर उसे खाना तो दूर, उसके पास भी नहीं फटकते। वहीं, गोबर की तेज गंध से जानवर घबराकर खेत छोड़कर भाग जाते हैं। इस मिश्रण की गंध जानवरों को दूर रखती है और फसल को पूरी तरह सुरक्षित बनाती है।

 

फायदे क्या हैं इस घोल के?

·         नीलगाय, सूअर और छुट्टा जानवर खेत के पास नहीं आएंगे।

·         फसलों में कीटों का प्रकोप भी कम होगा।

·         रात को फसल की निगरानी करने में जो मेहनत और समय लगता है, वह बचेगा।

·         तारबंदी या दीवार की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, जिससे खर्च भी कम होगा।

·         जमीन की उर्वरता बनी रहेगी, क्योंकि गोबर और नीम दोनों ही मिट्टी के लिए फायदेमंद हैं।

 

किसानों के लिए सलाह:

यह घोल पूरी तरह प्राकृतिक है और इसका कोई नुकसान नहीं है। किसान इसे हर 10–15 दिन में एक बार छिड़क सकते हैं, जिससे लगातार प्रभाव बना रहेगा। इससे खेती का उत्पादन भी नहीं घटेगा और फसलें भी पूरी तरह सुरक्षित रहेंगी।

 

देश के अलग-अलग हिस्सों में किसानों को छुट्टा जानवरों से भारी नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन इस देसी नुस्खे को अपनाकर किसान बिना ज्यादा खर्च के अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं। यह नुस्खा वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है और कई किसान पहले से इसका लाभ उठा रहे हैं।

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