सोयाबीन की फसल में कीट और रोग से बचाव के लिए कृषि विभाग की अहम सलाह

सोयाबीन की फसल में कीट और रोग से बचाव के लिए कृषि विभाग की अहम सलाह
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Kisaan Helpline

Crops Aug 11, 2025

खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन किसानों की सबसे बड़ी फसल होती है। इस समय अधिकतर खेतों में सोयाबीन की फसल 50 से 55 दिन की अवस्था में पहुँच चुकी है। इस अवस्था पर फसल में कई प्रकार के कीट और रोग का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों की नियमित निगरानी करें और समय पर बचाव के उपाय करें।

 

फसल की निगरानी कैसे करें

·         किसान भाई रोज़ाना खेत में जाकर अलग-अलग जगह के 3-4 पौधों को हिलाकर देखें। अगर एक वर्ग मीटर क्षेत्र में 3-4 इल्ली दिखाई दे, तो तुरंत कीटनाशक का छिड़काव करें।

·         जहाँ फसल घनी हो, वहाँ गर्डल बीटल (रिंग कटर) का हमला हो सकता है। इस कीट के प्रकोप में पौधे के तने पर 2 गोल निशान (रिंग) बन जाते हैं और पौधा मुरझा कर नीचे झुक जाता है। ऐसे पौधों को तोड़कर खेत से बाहर फेंक दें, ताकि कीट फैल न सके।

 

जरूरत पड़ने पर सिंचाई

अगर फसल में पानी की कमी दिख रही है और खेत में सिंचाई की सुविधा है, तो स्प्रिंकलर सिस्टम से हल्की सिंचाई करें।

 

सोयाबीन की प्रमुख बीमारियां और बचाव के उपाय

राईजोटोनिया एरियल ब्लाइट

·         लक्षण: पत्तियों और टहनियों पर भूरे धब्बे और सड़न।

·         बचाव: फ्लुक्साप्रोक्साड + पायरोक्लोस्ट्रोबीन (300 ग्राम/हेक्टेयर) या पायरोक्लोस्ट्रोबीन + इपोक्सीकोनाजोल (750 मिली/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।

 

एन्थ्राक्नोज

·         लक्षण: पत्तियों और फलियों पर काले धब्बे, पौधे का सूखना।

·         बचाव: टेबुकोनाजोल + मेन्कोजेब (1.25 किग्रा/हेक्टेयर) या सल्फर 65% (1.25 किग्रा/हेक्टेयर) या टेबुकोनाजोल 25.9% EC (625 मिली/हेक्टेयर) का स्प्रे करें।

 

पीला मोजेक वायरस

·         लक्षण: पत्तियों पर पीला-हरा पैटर्न, पौधे की बढ़वार रुकना।

·         बचाव: रोगग्रस्त पौधों को तुरंत उखाड़कर खेत से बाहर करें। यह रोग सफेद मक्खी और एफिड द्वारा फैलता है।

·         नियंत्रण: आइसोसायक्लोसरम (600 मिली/हेक्टेयर) या थायोमेथोक्साम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हेक्टेयर) का छिड़काव करें। साथ ही खेत में 20-25 जगह पीले चिपचिपे ट्रैप लगाएं।

 

कीट नियंत्रण के उपाय

·         गर्डल बीटल: संक्रमित पौधों को तोड़कर नष्ट करें।

·         पत्ती खाने वाली इल्लियां (सेमीलूपर, तंबाकू की इल्ली, चने की इल्ली): थायक्लोप्रिड (750 मिली/हेक्टेयर) या टेट्रानिलिप्रोल (250-300 मिली/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।

·         रस चूसने वाले कीट (सफेद मक्खी, जसीड): क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (125 मिली/हेक्टेयर) या प्रोफेनोफॉस (1 लीटर/हेक्टेयर) का स्प्रे करें।

 

छिड़काव के लिए पर्याप्त पानी का उपयोग करें —

·         नेपसैक स्प्रेयर या ट्रैक्टर स्प्रेयर: 450 लीटर/हेक्टेयर

·         पावर स्प्रेयर: 125 लीटर/हेक्टेयर

 

अतिरिक्त सलाह

खेत में टी-आकार के बर्ड पर्च लगाएं, जिससे पक्षी बैठकर हानिकारक कीटों को खा सकें और कीटों की संख्या कम हो।

 

अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र, कृषि विकास अधिकारी या कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

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