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Rubber (रबर)

Basic Info

रबड़ (Rubber) एक सुन्दर और सदाबहार पौधा है। रबड़ को रबड़ प्लांट और रबड़ ट्री के नाम से जाना जाता हैं। रबड़ के वृक्ष भूमध्य रेखीय सदाबहार वनों में पाए जाते हैं, इसके दूध, जिसे लेटेक्स कहते हैं से रबड़ तैयार किया जाता हैं। देश में रबड़ का उत्पादन सबसे पहले पेरियार तट पर उत्तरी त्रावणकोर (केरल) में हुआ था। सर हेनरी विलियम ने 1876 में पारा (ब्राजील) से रबड़ का बीज भारत लाए थे। भारत में रबड़ का उत्पादन मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में विशेषकर केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में होता है। केरल भारत का सबसे बड़ा रबड़ उत्पादक राज्य है। इसके अलावा पूर्वात्तर में असम और त्रिपुरा में भी रबर की खेती होती है।

Seed Specification

बुवाई का समय
रबड़ के पौधों की रोपाई के लिए जून-जुलाई माह उचित समय होता हैं।

दुरी
पहाड़ी क्षेत्रों में - 6.7 x 3.4 मी
समतल क्षेत्रों-वर्ग में - 4.9 मीटर x 4.9 मी
त्रिकोणीय - 4.9 मीटर x 4.9 मीटर

बुवाई का तरीका
बीजों के माध्यम से नर्सरी तैयार करके पौधरोपण किया जाता है और कलम विधि अपनाकर नए पौधे तैयार किये जाते हैं।

Land Preparation & Soil Health

अनुकूल जलवायु
रबर के पौधे लगाने के लिए हलकी नरम जलवायु की आवश्यकता होती हैं। रबर का पौधा मूल रूप से भूमध्य जलवायु की उपज है l रबड़ के पौधे के लिए 25°से 30° तापमान और 150 से 200 से. मी. वर्षा की आवश्यकता होती हैं।

भूमि का चयन
रबड़ के पौधे अच्छे जलनिकास वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी में अच्छे विकसित होते हैं। इसके लिए 4.5 से 6.0 तक अम्लीय पीएच वाली मिट्टी अधिक उपयुक्त होती हैं।

खेत की तैयारी
पौधरोपण से पूर्व खेत की अच्छी तरह जुताई कर समतल कर दें। चयनित स्थान को खरपतवार मुक्त रखें। और उचित दुरी के अनुसार गड्ढो की खुदाई करना चाहिए।

Crop Spray & fertilizer Specification

खाद एवं रासायनिक उर्वरक
नर्सरी में बीज की बुवाई के समय अच्छी बढ़वार के लिए वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद देना चाहिए। और पौधरोपण के समय मिट्टी परिक्षण के अनुसार कृषि विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही खाद एवं उर्वरक का प्रयोग करें।

Weeding & Irrigation

खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार की रोकथाम के लिए समय-समय पर पौधों के आसपास निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

सिंचाई
पौधरोपण के तुरंत बाद प्रत्येक पौधे को पानी देना चाहिए। बाद में भूमि में नमी बनाने हेतु समय-समय पर आवश्यकतानुसार पानी देते रहना चाहिए।

Harvesting & Storage

फसल की कटाई एवं उत्पादन
रबर की पैदावार साल दर साल बढ़ती है, पौधरोपण के 14 साल बाद चरम पर पहुंचती है। दक्षिण भारत में, रबर की वार्षिक पैदावार 375 किग्रा / हेक्टेयर है, जो रोपे गए पेड़ों से होती है, जबकि बीजों वाले पौधों की पैदावार 800 - 1000 किग्रा / हेक्टेयर होती है।

Rubber (रबर) Crop Types

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