बेंगलुरु के रहने वाले रमेश बाबू, चलाते हैं अपना सैलून
रतन टाटा, मुकेश अंबानी, मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी हस्तियों का नाम आज दुनिया में कौन नहीं जानता। लेकिन इन नामचीन लोगों के बीच कईं नाम ऐसे हैं जिन्हें कम ही लोग जानते हैं। ये वो लोग हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर सफलता हासिल की। बेंगलुरु के रमेश बाबू भी इन्हीं लोगों में एक हैं। कभी वो मामूली नाई हुआ करते थे, लेकिन अपनी दूरदृष्टि, मेहनत और लगन से आज अरबों के मालिक हैं। इनके पास रोल्स रॉयस, मर्सडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी लग्जरी कारों का काफिला है।
रमेश बाबू
रमेश बाबू की उम्र है 43 साल। बेंगलुरु के अनंतपुर के रहने वाले रमेश जब 7 साल के थे, तभी उनके पिता गुजर गए। पिता बेंगलुरु के चेन्नास्वामी स्टेडियम के पास अपनी नाई की दुकान चलाते थे। पिता की मौत के बाद रमेश बाबू की मां ने लोगों के घरों में खाना पकाने का काम किया, ताकि बच्चों का पेट भर सकें। उन्होंने अपने पति की दुकान को महज 5 रुपए महीना पर किराए पर दे दिया था।
शुरू की टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी
रमेश बाबू तमाम कठिनाइयों के बावजूद पढ़ाई करते थे। 12वीं क्लास में असफल होने के बाद उन्होंने इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से इलेक्ट्रॉनिक्स में डिप्लोमा किया। 1989 में उन्होंने पिता की दुकान वापस लेकर उसे नए सिरे से चलाया। इस दुकान को मॉडर्न बनाकर उन्होंने खूब पैसे कमाए और एक मारुति वैन खरीद ली। चूंकि वह कार खुद नहीं चला पाते थे, इसलिए उन्होंने कार को किराए पर देना शुरू कर दिया। 2004 में उन्होंने अपनी कंपनी रमेश टूर एंड ट्रेवल्स की शुरुआत की।