आइये जानते है सोयाबीन की चमत्कारी किस्म जे.एस. 2069 की प्रमुख विशेषताओं और पैदावार के बारे में

आइये जानते है सोयाबीन की चमत्कारी किस्म जे.एस. 2069 की प्रमुख विशेषताओं और पैदावार के बारे में
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Kisaan Helpline

Agriculture May 14, 2021
मध्यप्रदेश में किसान इन दिनों खेती संबंधी कार्य की तैयारी में लगे हुए हैं। मुख्य रूप से किसानों के लिए समृद्धि की खरीफ फसल सोयाबीन होती है। किसानों के लिए सोयाबीन की चमत्कारी किस्म जे.एस. 2069 बहुत अच्छी किस्म है, जो की हल्की मध्यम भूमि में भी अच्छी पैदावार देती हैं। यह एक शीघ्र पकने वाली प्रजाति है, जो 94 दिन में पक जाती है। विपरीत परिस्थिति में भी इसमें अधिक उपज देने की क्षमता है। यह बहुप्रतिरोधी प्रजाति है, जो जैविक व्याधियों जैसे पीला मोजैक, चारकोल सड़न, झुलसन, जीवाणु धब्बा, पर्णीय धब्बे, तनामक्खी, चक्रभृग एवं पत्तिभक्षकों के लिए रोधी एवं सहनशील है।

इसमें अंकुरण एवं दीर्घजीवी क्षमता उत्तम है। शीघ्र पकने के कारण यह द्विफसली प्रणाली के लिए अतिउपयुक्त है। यह अर्ध सीधे बढ़ने वाली प्रजाति है अत: अन्तरवर्तीय फसल प्रणाली के लिए भी उपयुक्त है।

सोयाबीन जवाहर जे.एस. 2069 की प्रमुख विशेषताएं
  • बुवाई का उचित समय 15 जून से 22 जून तक का होता हैं।
  • बुवाई के लिए बीज की मात्रा 40 किलों बीज प्रति एकड़ पर्याप्त हैं।
  • सोयाबीन जे.एस. 2069 किस्म के दाने चमकदार होते हैं।
  • इस किस्म की सोयाबीन के 100 दानों का वजन लगभग 10-11 ग्राम होता हैं।
  • इसके फूलों का रंग सफेद होता हैं।
  • फूलों के आने का समय 40 दिन होता हैं।
  • इस किस्म की सोयाबीन की फलियाँ भूरे रंग की होती हैं।
  • सोयाबीन जे.एस. 2069 किस्म में फलियां पकने बाद चटकने की समस्या नहीं होती हैं।
  • इसकी उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर लगभग 22 से 24 क्विंटल होती हैं।
  • बीज का रंग हल्का पीला होता हैं।
  • यह किस्म हलकी मध्यम मिट्टी में अच्छी पैदावार देती हैं।
  • इस किस्म में अधिक वर्षा व बीमारी के प्रति विशेष प्रतिरोधकता व उच्च उत्पादन क्षमता होने के कारण यह नवीन किस्म किसानों के लिये वरदान सिद्ध होगी।

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