मिट्टी परिक्षण में नमूना एकत्रित करने की विधि और सावधानियाँ
मिट्टी परिक्षण में नमूना एकत्रित करने की विधि और सावधानियाँ
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1. मिट्टी को मिलाना और एक ठीक नमूना बनानाः एक खेत में भिन्न - भिन्न स्थानों से तसले या कपड़े में इकट्ठे किये हुए नमूने को छाया में रखकर सूखा लें । एक खेत से एकत्रित की हुई मृदा को अच्छी तरह मिलाकर एक नमूना बनायें तथा उसमें से लगभग आधा किलो मृदा का नमूना लें जो समूचे खेत का प्रतिनिधित्व करता हो। 

2. लेबल लगानाः हर नमूने के साथ नाम , पता और खेत का नम्बर का लेबल लगायें । अपने रिकार्ड के लिये भी उसकी एक नकल रख लें। दो लेबल तैयार करे एक थैली के अन्दर डालने के लिये और दूसरा बाहर लगाने के लिये। लेबल पर कभी भी स्याही से न लिखें । हमेशा बाल पेन या कॉपिंग पेंसिल से लिखें। 

3. सूचना पर्चाः खेत व खेत की फसलों का पूरा ब्योरा सूचना पर्चा में लिखें। यह सूचना आपकी मृदा की रिपोर्ट व सिफारिश को अधिक लाभकारी बनाने में सहायक होगी। सूचना पर्चा कृषि विभाग के अधिकारी से प्राप्त किया जा सकता है। मृदा के नमूने के साथ सूचना पर्चा में निम्नलिखित बातों की जानकारी अवश्य दें। 

किसान का नाम व पता • नमूना एकत्र करने की दिनांक • खेत का नंबर या नाम • पिछली बोई गई फसल एवं प्रस्तावित फसल का नाम एकत्रित नमूनों की जांच के लिए स्वयं , डाक पार्सल द्वारा या किसी कृषि प्रसार कार्यकर्ता के माध्यम से निकट की मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में भेज देना चाहिए। 

4. नमूने बांधना: हर नमूने को एक साफ कपड़े की थैली में डालें। ऐसी थैलियों में नमूने न डालें जो पहले खाद आदि के लिए प्रयोग में लायी जा चुकी हो या किसी और कारण खराब हों जैसे ऊपर बताया जा चुका है। एक लेबल थैली के अन्दर भी डालें। थैली अच्छी तरह से बन्द करके उसके बाहर भी एक लेबल लगा दें। 

5. नमूना कब लें ? : यदि सघन कृषि की जा रही हो तो नमूने एक फसल चक्र के पूरा होने पर प्रतिवर्ष लेने चाहिए। अन्यथा तीन वर्ष में एक बार मिट्टी परीक्षण करवाना पर्याप्त रहता है। 

मिट्टी का नमूना लेने में आवश्यक सावधानियां 

खाद के गड़े , मेढ़ तथा वृक्षों के नीचे से नमूने नहीं लेने चाहिए। 

ऐसे क्षेत्र जहां अधिकतर समय पानी भरा रहता हो वहां से नमूने एकत्र न करें। 

यदि नमूना लेने वाला क्षेत्र बड़ा हैं तो नमूनों की संख्या क्षेत्र के अनुरूप बढ़ा देनी चाहिए। 

एकत्रित मृदा नमूनों को न तो उर्वरकों के बोरे के पास रखना चाहिए और न ही उन पर सुखाना चाहिए। 

नमूने लेते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि किस क्षेत्र में उर्वरक का प्रयोग किया गया है तथा किसमें नहीं। 

पहले नमूने को प्लास्टिक की थैली में बंद करें , बाद में कपड़े की थैली में रखें। 

नमूना इकट्ठा करते समय हाथ की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। अन्यथा सूक्षम तत्वों में स्पर्श दोष का प्रभाव पड़ सकता है । इसके लिए लकड़ी से बने उपकरण से नमूना लिया जाए। 

नमूना गीला होने पर इसे बोरे के बजाए प्लास्टिक की सीट पर छाया में सुखायें।