बाढ़ या सूखे से हुआ फसल को नुकसान तो किसानों को फसल खराबे की सूचना 72 घंटे में देना जरूरी
बाढ़ या सूखे से हुआ फसल को नुकसान तो किसानों को फसल खराबे की सूचना 72 घंटे में देना जरूरी
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PM Fasal Bima Yojana: कई राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ। किसानों की फसलें पानी में बह गईं। खेतों में पानी भरने से कुछ किसानों की फसलें सड़ गईं। हालांकि, अब किसानों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि केंद्र सरकार की इस योजना के तहत अब उन्हें उनकी बर्बाद हुई फसल का मुआवजा मिलेगा। आइए आपको बताते हैं कि यह मुआवजा किस योजना के तहत दिया जाएगा और आप इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं।

इस योजना के तहत मिलेगा मुआवजा

अगर आपकी फसल बारिश के कारण खराब हो गई है, या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण आपकी फसल खराब हो गई है, तो आपको मुआवजा मिलेगा। केंद्र सरकार यह मुआवजा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत देगी। दरअसल, इन दिनों पूरे भारत में किसानों की फसलें बारिश के कारण बर्बाद हो गई हैं, ऐसे में किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार पीएम फसल बीमा योजना के तहत हर किसान को मुआवजा दे रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य

केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को की थी। जिसमें किसानों की रबी और खरीफ फसलों का बीमा किया जाता है। इस योजना (पीएम फसल बीमा योजना) को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। किसानों को पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत पंजीकरण कराना होगा और बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा। प्रीमियम का भुगतान किसान और सरकार द्वारा किया जाता है। इसके बाद जब भी आपदाओं के कारण फसलों को नुकसान होता है तो बीमा योजना के तहत नुकसान की भरपाई की जाती है।

नुकसान की भरपाई कैसे होती है?

जब किसानों को नुकसान होता है तो सबसे पहले आर्थिक सहायता के लिए क्लेम ऑनलाइन पोर्टल के जरिए किया जाता है। योजना को क्रियान्वित करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग किया जाता है ताकि इसके माध्यम से अधिक से अधिक किसानों को लाभ दिया जा सके। प्रीमियम भुगतान अलग-अलग राज्यों और फसलों के आधार पर तय किया जाता है। प्रीमियम दरें केंद्र की समितियां तय करती हैं।

कैसे जुड़ सकते हैं योजना से?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ कोई भी किसान अपने नजदीकी कृषि सेवा केंद्र या बैंक शाखा के माध्यम से उठा सकता है। किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना होगा। इसमें राज्य सरकार का भी योगदान होता है। प्रीमियम दरें समय-समय पर निर्धारित की जाती हैं। वर्तमान में नकदी फसलों के लिए प्रीमियम 5 प्रतिशत, खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत तय किया गया है।

फसल क्षति की रिपोर्ट 72 घंटे के भीतर दें

यदि किसी बीमित किसान को प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल बर्बादी का सामना करना पड़ता है, तो वह 72 घंटों के भीतर नीचे दिए गए विकल्पों के माध्यम से सूचित कर सकता है। किसान फसल बीमा ऐप के माध्यम से किसान अपनी क्षतिग्रस्त फसलों की जानकारी दे सकते हैं। आप बीमा कंपनियों के टोल फ्री नंबर पर भी कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी कृषि कार्यालय में भी इसकी जानकारी दी जा सकती है और संबंधित बैंक शाखा व जनसेवा केंद्र पर भी जा सकते हैं।