Subsidy Scheme: देश में सिंचाई एक बड़े संकट के रूप में उभरा है। सिंचाई के अभाव में फसल उत्पादन में कमी आती है। इस समस्या के समाधान के लिए ट्यूबवेल एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने 4500 नलकूप देने का फैसला किया। आपको पता ही होगा कि हर साल बिहार के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित होते हैं। दूसरी ओर, कई जिलों में भयंकर सूखा पड़ा हुआ है। इन दोनों ही स्थितियों में किसानों की फसलों को भारी नुकसान होता है। ऐसे में किसान ट्यूबवेल के सहारे सिंचाई की समस्या का समाधान कर सकते हैं।
नलकूप से सिंचाई संकट को दूर किया जा सकता है
बिहार एक ऐसा राज्य है, जिसका एक हिस्सा बारिश के मौसम में बाढ़ की चपेट में आ जाता है, जबकि दूसरे हिस्से में पानी की कमी हो जाती है। इससे हजारों हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान होता है। उत्तर बिहार के अररिया, किशनगंज और कटिहार सहित कई जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण बाढ़ आ जाती है। जबकि गया, औरंगाबाद, जहानाबाद और नवादा जिलों में गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत हो जाती है। इन जिलों में गर्मी के मौसम में कुएं भी सूख जाते हैं। ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब किसानों को सिंचाई के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसे में किसान ट्यूबवेल की मदद से अपनी फसलों की सिंचाई की समस्या का समाधान कर सकते हैं।
नलकूप पर 80 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा
बिहार सरकार की सात निश्चय-2 योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाने वाले कम से कम 5 किसानों के समूह द्वारा न्यूनतम 2.5 हेक्टेयर में खेती के लिए बड़े और सीमांत किसानों को जल स्रोत के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी (210 फीट गहराई तक) पर सामूहिक नलकूप की व्यवस्था की गई है।
इतना करना होगा भुगतान किसानों को
इस योजना के माध्यम से सरकार बिहार के जरूरतमंद किसानों को बोरिंग के लिए 80% तक की सब्सिडी दे रही है। किसान समूह लागत राशि का मात्र 20 प्रतिशत भुगतान कर बोरिंग लगवा सकते हैं।
उदाहरण के लिए यदि बोरिंग पर 50,000 रुपये खर्च किए जाते हैं, तो 40,000 रुपये सरकार द्वारा दिए जाएंगे और शेष 10,000 रुपये किसान समूह को देने होंगे। यदि 10 किसानों का समूह एक बोरिंग करवाता है तो उनमें से प्रत्येक को केवल 1000-1000 रुपये खर्च करने होंगे।
किसानों को यह लाभ 24 मार्च 2024 तक दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को बिहार उद्यानिकी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा।
मिलेगी 90% सब्सिडी ड्रिप सिंचाई तकनीक पर
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत इन सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दी जाती है। इसी कड़ी में बिहार सरकार के कृषि विभाग का उद्यानिकी निदेशालय किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने पर बंपर सब्सिडी दे रहा है। बिहार कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय के अनुसार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई पद्धति एवं स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति में किसानों के लिए 90 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की गई है।