इस राज्य की सरकार चाय की खेती करने पर दे रही 50% का अनुदान, जल्द करें आवेदन और उठायें योजना का लाभ

इस राज्य की सरकार चाय की खेती करने पर दे रही 50% का अनुदान, जल्द करें आवेदन और उठायें योजना का लाभ
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Kisaan Helpline

Scheme May 26, 2023
Subsidy Scheme: चाय की खेती भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है। इससे किसान हर साल लाखों की कमाई करते हैं। अब अन्नदाता दूसरे राज्य में भी इसकी खेती कर मालामाल हो सकते हैं। क्योंकि राज्य सरकार फिलहाल चाय की खेती पर भारी सब्सिडी दे रही है। ऐसे में किसान कम लागत में चाय का उत्पादन कर मोटी कमाई कर सकते हैं। दार्जिलिंग, असम का नाम चाय के उत्पादन के लिए जाना जाता है। चाय की खेती बिहार के किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया में होती है। चाय की बढ़ती मांग को देखते हुए बिहार सरकार ने विशेष बागवानी फसल योजना के तहत चाय का रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में चाय उत्पादन के मामले में बिहार देश में पांचवें स्थान पर है।

इतनी मिलेगी सब्सिडी

बिहार सरकार का मानना है कि केवल धान और गेहूं जैसी पारंपरिक खेती से किसानों की आय नहीं बढ़ाई जा सकती है. किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती के अलावा अन्य फसलों की खेती करनी होगी। यही वजह है कि राज्य सरकार ने राज्य में चाय की खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत किसानों को चाय की खेती (Tea Cultivation) के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें उद्यानिकी विभाग द्वारा चाय की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत 4,94,000 रुपये निर्धारित की गई है। इस पर किसान को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान यानी 2,47,000 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। यह राशि किसानों को 75:25 के अनुपात में दो किश्तों में दी जाएगी। वहीं, इस योजना के तहत 150 हेक्टेयर में चाय की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है।



आवेदन करने की प्रक्रिया

इच्छुक किसान कृषि विभाग में आवेदन कर इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि इस अनुदान के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। मसलन, यह सब्सिडी सिर्फ उन्हीं किसानों को दी जाएगी, जिन्होंने पिछले साल जुलाई-अगस्त में चाय की बुआई की है। इसके अलावा इस सब्सिडी की दूसरी किस्त सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगी, जब 2023-24 तक चाय के नव-रोपित पौधों में से करीब 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहेंगे।
इच्छुक किसान विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान बिहार उद्यान विभाग के पोर्टल http://horticulture.bihar.gov.in/ के लिंक पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी। इसलिए अनुदान देने से पहले डीबीटी का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। आपको बता दें कि इस समय सबसे ज्यादा चाय की खेती बिहार के किशनगंज जिले में हो रही है। इस जिले को चाय के लिए जीआई टैग भी मिल चुका है।

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