यूरिया गोल्ड से बढ़ेगी फसलों की पैदावार, जानें इसके उपयोग और फायदे के बारे में
यूरिया गोल्ड से बढ़ेगी फसलों की पैदावार, जानें इसके उपयोग और फायदे के बारे में
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Urea Gold: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को यूरिया गोल्ड के रूप में खाद का नया विकल्प दिया है। इससे मिट्टी में सल्फर की कमी दूर होगी और फसलों की लागत भी कम होगी। यह नीम लेपित यूरिया से बेहतर है। इसके उपयोग से फसलों की गुणवत्ता के साथ-साथ उत्पादन एवं उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। अभी इसका निर्माण राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर लिमिटेड कंपनी द्वारा किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान यूरिया गोल्ड लॉन्च किया। इसके साथ ही उर्वरक के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत हुई। केंद्र सरकार का मानना है कि यूरिया गोल्ड के इस्तेमाल से खरीफ और रबी समेत सभी फसलों की पैदावार बढ़ेगी। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे। तो चलिए आज जानते हैं आखिर यूरिया सोना है क्या?

यूरिया गोल्ड को सल्फर लेपित यूरिया के नाम से भी जाना जाता है। यह यूरिया एक नई किस्म है, जो सल्फर-लेपित है। इसके प्रयोग से मिट्टी में सल्फर की कमी भी दूर की जा सकती है। देश की मिट्टी में सल्फर की कमी को देखते हुए इसकी शुरुआत की गई है। यूरिया गोल्ड में 17% तक सल्फर की मात्रा होती है, जो मिट्टी में मौजूद सल्फर की कमी को दूर करने में मदद करेगी। जिससे उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।


यह नवोन्मेषी उर्वरक, नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और प्रभावी है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत कम करता है और फसल की गुणवत्ता बढ़ाता है।

यूरिया गोल्ड या सल्फर यूरिया कई मायनों में अन्य उर्वरकों से बेहतर है। जैसे:

यूरिया गोल्ड यानी सल्फर कोटेड यूरिया से नाइट्रोजन की मात्रा धीरे-धीरे रिलीज होती है। यदि यूरिया गोल्ड में ह्यूमिक एसिड मिलाया जाए तो इसका जीवनकाल बढ़ जाता है। सामान्य यूरिया की जगह यूरिया गोल्ड का प्रयोग भी बेहतर विकल्प है। यूरिया गोल्ड के प्रयोग से मिट्टी में उर्वरकों का उपयोग कम हो जाता है। उर्वरकों के कम उपयोग से किसानों की लागत भी कम हो जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 किलो यूरिया गोल्ड 20 किलो सामान्य यूरिया के बराबर है।